झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

अधर में झारखंड के खेल प्रशिक्षण केंद्र के खिलाड़ियों का भविष्य! कोरोना से प्रभावित हुई पूरी व्यवस्था - Corona in Jharkhand

झारखंड में कोरोना से खेल जगत प्रभावित हुआ है. आज कोरोना से खिलाड़ियों का भविष्य अधर में है. आलम ऐसा है कि झारखंड के खेल प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था प्रभावित हुई. जिससे झारखंड में स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर ग्रहण लग गया है. खेल पर कोरोना के असर को खंगालती ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

sports-training-centers-affected-due-to-corona-in-jharkhand
झारखंड में कोरोना से खेल जगत प्रभावित

By

Published : Jan 21, 2022, 8:29 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 10:58 PM IST

रांचीः झारखंड के खेल प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था प्रभावित हुई है. कोरोना से खिलाड़ियों का भविष्य अधर में है. पिछले 2 वर्षों से हालत यही है. खिलाड़ी कोरोना के पहले चरण के दौर में ही कई परेशानियों का सामना किया. जेएसएसपीएस की ओर से रघुवर सरकार में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी कई जतन किए गए थे. लेकिन कोरोना के कारण सब कुछ धरा की धरा रह गया.

इसे भी पढ़ें- कोरोना संकटः रांची में खिलाड़ी इस तरह फिटनेस पर दे रहे ध्यान, घरों में कैद हैं

झारखंड में कोरोना से खेल जगत प्रभावित किया है. झारखंड के खेल प्रशिक्षण केंद्र की तमाम व्यवस्था और एक्टिविटी जैसे खत्म सी हो गयी है. वर्ष 2020 में कोरोना के कारण खेल जगत पर भी बुरा प्रभाव पड़ा. खेल स्टेडियम कई महीने तक बंद पड़े रहे, मेंटेनेंस का काम नहीं हुआ. नियुक्त किए गए प्रशिक्षकों को घर लौटने के लिए कह दिया गया था. खेल स्टेडियम बंद होने के कारण खिलाड़ियों को घर पर रहकर ही प्रैक्टिस करना पड़ा. सही डाइट नहीं मिलने से उनका वजन तक बढ़ गया. जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कई प्रतियोगिताओं में झारखंड के बच्चे हिस्सा नहीं ले पाए.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पूर्ववर्ती रघुवर सरकार में जेएसएसपीएस के जरिए 1400 बच्चों का चयन कर उन्हें ओलंपिक के लिए तैयार करने का काम शुरू किया गया था. लेकिन यह योजना भी कोरोना की भेंट चढ़ गया. वर्तमान सरकार भी इस योजना की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. यह बच्चे अपने 3 वर्ष के प्रशिक्षण के दौरान अंडर 14 अंडर, 16 और अंडर 18 वर्ग में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडल जीत चुके हैं. उनको प्रशिक्षित करने के लिए पिछली सरकार ने द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच भी नियुक्त किया था. लेकिन यह सभी कोच वापस चले गए और तब से इन बच्चों का प्रशिक्षण रुका हुआ है. मामले को लेकर खेल प्राधिकरण से भी बात की गयी है. खेल प्राधिकरण की मानें तो कोरोना की वजह से कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतारी जा सकी है. समूह में खिलाड़ियों का प्रैक्टिस बैन कर दिया गया है. जिससे उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

डे बोर्डिंग सेंटर भी बंदः केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित डे बॉडी सेंटर भी फिलहाल बंद है. जरूरतमंद खिलाड़ियों तक डाइट पहुंचाई जा रही है. इसके बावजूद यह नाकाफी साबित हो रहा है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ी जो शहर में रहकर प्रशिक्षण ले रहे थे, उनका करियर अधर में लटक गया है. खिलाड़ियों की मानें तो उनका पिछला एक वर्ष बर्बाद हो चुका है. वर्ष 2021 में लॉकडाउन में मिली छूट के बाद कुछ उम्मीद जगी थी. लेकिन एक बार फिर 2022 में कोरोना के बढ़ते रफ्तार के कारण पाबंदिया शुरू हो गयी है. इस वजह से एक बार फिर प्रशिक्षण पर प्रभाव पड़ रहा है. यह दुष्प्रभाव पिछले 2 सालों से पूरे देश के साथ-साथ राज्य के खिलाड़ी भी भुगत रहे हैं. पूरे मामले को लेकर पूर्व खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण कई योजनाएं अधर में है. पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं भी बंद है.

Last Updated : Jan 21, 2022, 10:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details