रांची:झारखंड आंदोलन के सर्वोच्च नेता और भारतीय आदिवासियों के लिए जयपाल सिंह मुंडा एक मुखर नेता रहे. राजनीतिज्ञ पत्रकार, खिलाड़ी, शिक्षाविद और 1925 में ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा की 20 मार्च को पुण्यतिथि होती है. झारखंड के कई जिलों में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया जा रहा है, लेकिन राजधानी रांची के मुख्यालय में ही इसकी उपेक्षा की गई.
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ईटीवी भारत के प्रयास से मोरहाबादी स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. झारखंड में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एक प्रसिद्ध नाम है. उनको सम्मान देने के उद्देश्य से झारखंड सरकार की ओर से लगातार बड़े-बड़े वायदे किए जा रहे हैं. बताते चलें कि इन्हीं के नाम से झारखंड के आदिवासी विद्यार्थियों को विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गई है. इसके बावजूद जाने-अनजाने यहां के आंदोलनकारी नेताओं को वो सम्मान नहीं मिल रहा, जिनके वो हकदार हैं.
डीएसओ ने ये कहा
रांची के डीएसओ से जब इस नजरअंदाजी का कारण पूछा गया तो उन्होंने आनन-फानन में प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी गलती को स्वीकारा और ईटीवी भारत की टीम को भी धन्यवाद दिया. हैरानी की बात ये है कि इस महत्वपूर्ण दिन को लोग भूल गए थे. खेल पदाधिकारी उपमान बाड़ा ने भी कहा कि विभाग की ओर से चूक हुई है, जिसे दोबारा नहीं दोहराया जाएगा.