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कोरोना की तीसरी लहर से नौनिहालों को बचाना है, ICU-PICU की बारीकियां सीख रही नर्सें - रांची में नवजात शिशुओं को कोरोना से बचाने के लिए प्रशिक्षण

कोरोना की तीसरी तहर (Third wave of corona) से बच्चों को बचाने के लिए झारखंड सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी सदर अस्पताल में खुलने वाली पीडियाट्रिक आईसीयू (Pediatric icu) खोले जा रहे हैं. नर्सों और डॉक्टरों के लिए विशेष प्रशिक्षण (Training) की शुरुआत की गई है.

special training for nurses has been started to protect the newborns from corona in ranchi
अब नौनिहालों को संक्रमण से बचाने के लिए खास ट्रेनिंग की शुरुआत, ICU की बारीकियों को सीख रहीं हैं नर्सें

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Published : Jun 13, 2021, 10:09 AM IST

Updated : Jun 13, 2021, 2:19 PM IST

रांची: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से नौनिहालों को बचाने के लिए लगातार रिसर्च की जा रही है. रिसर्चर्स (Researchers) का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे प्रभावित बच्चे होंगे. इसी संभावना और आपात स्थिति से निपटने के लिए झारखंड सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. राज्य के सभी सदर अस्पतालों में खुलने वाली पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) खोले जा रहे हैं, साथ ही ट्रेंड नर्सों और डॉक्टरों के लिए विशेष प्रशिक्षण (Special training) की शुरुआत हो गयी है.

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रानी हॉस्पिटल में दी जा रही है PICU की विशेष ट्रेनिंग
बच्चों के इलाज के लिए राजधानी की बेहतरीन निजी अस्पतालों में से एक रानी हॉस्पिटल को पीडियाट्रिक आईसीयू के लिए सदर अस्पतालों के नर्सों-डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग की जिम्मेदारी दी गयी है. जहां वो कोरोना संक्रमण की स्थिति में प्रबंधन तकनीक सिखाया जा रहा है. झारखंड के लिए संभावित तीसरी लहर को लेकर ये अनुमान लगाया गया है कि 1 करोड़ 43 लाख बच्चों में अगर 5% पॉजिटिव हुए, तो कुल 7 लाख 17 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित होंगे, जिसमें 3 % ऐसे होंगे, जिन्हें ICU की जरूरत होगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

20 बेड का PICU और 40 बेड का HDU, अन्य जिलों में 10 बेड का PICU
सरकार बच्चों को तीसरी लहर से बचाने की विशेष तैयारी में जुटी हुई है. सभी जिलों में PICU, ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ-साथ बच्चों के इलाज के लिए ट्रेंड डॉक्टर-नर्सों को तैयार किया जा रहा है. इसी दौरान रानी हॉस्पिटल में हर जिला से 6-6 डॉक्टर्स और नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. रानी हॉस्पिटल में ट्रेनिंग ले रही सदर अस्पताल की नर्स किरण और गीता का मानना है कि उनकी ये तैयारी बच्चों को बचाने जरूर कामयाब रहेगी.

ICU की बारीकियां समझते मेडिकल स्टाफ

प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार कहते हैं कि वो रातों-रात पीडियाट्रिक डॉक्टर नहीं बना सकते. अगर तीसरी लहर आई, तो उसके लिए समय भी बहुत कम बचा है. ऐसे में सरकार मेडिकल अफसर, नर्सों को PICU-NICU की विशेष ट्रेनिंग देकर बच्चों के डॉक्टर की कमी को दूर करने की कोशिश कर रही है. डॉ. राजेश ने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में अभी महज 20 बेड PICU के हैं, बच्चों के डॉक्टर की कमी अलग से है.

जिला के सभी सदर अस्पतालों में नर्सों और डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण

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क्या कहते हैं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक
सदर अस्पताल रांची के उपाधीक्षक डॉ. सव्यसाची मंडल ने बताया कि जल्द ही वो अस्पताल में PICU शुरू करने वाले हैं. इसलिए अभी नर्सों को ट्रेंड किया जा रहा है. बाद में डॉक्टरों को भी ट्रेंड किया जाएगा.

Last Updated : Jun 13, 2021, 2:19 PM IST

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