रांची:झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोह पर नकेल कसने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है. स्पेशल टीम झारखंड में सक्रिय बड़े गैंगस्टर और उनके गुर्गों के खिलाफ जिला पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई करेगी.
बड़े गिरोह पर नजर
झारखंड पुलिस संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. राजधानी रांची, धनबाद, रामगढ़, लातेहार, चतरा समेत राज्य के दूसरे जिलों में आपराधिक वारदात को अंजाम दे रहे गिरोहों पर कार्रवाई का आदेश डीजीपी नीरज सिन्हा ने दिया था. इसके बाद आपराधिक गिरोहों पर लगाम कसने के लिए मुख्यालय की निगरानी में एक स्पेशल सेल का गठन किया गया है.
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स्पेशल सेल का नेतृत्व एसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि मुख्यालय स्तर से एक विशेष सेल का गठन किया गया है. स्पेशल सेल जितने भी संगठित आपराधिक गिरोह हैं, उन पर नजर रख रही है. गिरोह के सदस्यों को भी स्पेशल सेल के द्वारा चिन्हित किया जा रहा है. मतलब जो गैंगस्टर जेल में रहकर अपना गिरोह चला रहे हैं, उनके गुर्गे कब जेल से निकल रहे हैं और जेल से निकलने के बाद क्या कर रहे हैं, सभी गतिविधियों पर स्पेशल सेल नजर रख रही है.
क्या काम है स्पेशल सेल का?
स्पेशल सेल राज्य के संगठित आपराधिक गिरोहों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के साथ-साथ अवैध कोयला तस्करी में शामिल तस्करों पर भी नकेल कसेगी. जिलों में अपराध रोकने के लिए हर जिले के टॉप 10 अपराधियों की पुरानी सूची की समीक्षा कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया गया है. गिरोह की गतिविधि के संबंध में सूचना जुटाने का आदेश दिया गया है. स्पेशल टीम संगठित अपराध गिरोह के सदस्यों के खिलाफ अभी तक क्या-क्या कार्रवाई की है, इसकी भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
संगठित अपराध गिरोह के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा भी टीम करेगी. टीम गंभीर मामलों में फरार चल रहे अपराधियों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर उन्हें गिरफ्तार करेगी. इसके अलावा ऐसे अपराधी जिनके जेल से बाहर आने से समाज को खतरा हो सकता है, उनके खिलाफ सीसीए और जमानत रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी.
खतरनाक गिरोह स्पेशल सेल की रडार पर
झारखंड के खतरनाक संगठित गिरोह पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं. सुजीत सिन्हा, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और अमन सिंह कोयला कारोबारियों के लिए आतंक का पर्याय बने हुए हैं. रंगदारी नहीं देने पर अब दिनदहाड़े कारोबारियों को धमकाया जा रहा है. उनके घरों पर बम भी फेंके जा रहे हैं. हैरत की बात है कि इनमें से अधिकांश गैंगस्टर जेल में बंद हैं लेकिन उनके गुर्गे उनके नाम पर बाहर आतंक मचाए हुए हैं. वर्तमान समय में स्पेशल सेल इन सभी अपराधियों पर नजर रखे हुए है. बड़े गैंगस्टर्स गुर्गे स्पेशल सेल की रडार पर हैं.
एक सप्ताह में एक दर्जन से अधिक गिरफ्तारी, हथियार भी बरामद
संगठित अपराधियों के खिलाफ 20 दिनों के अंदर कई बड़ी कार्रवाई को झारखंड पुलिस ने अंजाम दिया है. रांची, धनबाद, चतरा और लातेहार से एक दर्जन से अधिक बड़े गिरोह के अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है. पिछले 10 दिनों के अंदर कुख्यात शाहरुख अंसारी सहित एक दर्जन अपराधियों को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इनमें से चतरा से 6, रांची से 8 और धनबाद से 5 अपराधी पकड़े गए है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए हैं.
एक सप्ताह पहले धनबाद के कतरास थाना क्षेत्र के भगत मोहल्ले में अपराधियों ने कोयला कारोबारी संजय लोयलका के घर पर बमों से हमला किया था. यह हमला धनबाद जेल में बंद कुख्यात अमन सिंह ने करवाया था. वर्तमान समय में धनबाद पुलिस के लिए मुसीबत बना हुआ है. झारखंड पुलिस के लिए तीन अमन बड़ी चुनौती बने हुए हैं. हजारीबाग कोर्ट में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव का बेटा अमन श्रीवास्तव भी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बन चुका है. अमन श्रीवास्तव लगातार कोयला कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहा है जबकि तीसरा अमन साव जेल में बैठकर ही अपना कारोबार चला रहा है.
बिहार का गिरोह भी सक्रिय
बिहार के संगठित आपराधिक गिरोह भी झारखंड में सक्रिय हैं. बिहार के जमुई में जहां झारखंड के साइबर अपराधियों का बसेरा बन रहा, वहीं जमुई के चड्डी बनियान गिरोह, कटिहार का कोढ़ा गैंग, एटीएम की क्लोनिंग करने वाला बिहार के चंपारण के अपराधियों का गैंग और जमुई के ही चंद्रामुंडी इलाके का हाजरा गैंग झारखंड भर में सक्रिय है. इसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बिहार पुलिस के आला अधिकारियों को झारखंड में बिहार के गैंग की सक्रियता की जानकारी दी है. साथ ही बिहार के गैंग्स पर लगाम लगाने की मांग कही गई है.