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मनरेगा में कोताही बरतने वाले नपेंगे, ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान की शुरुआत

22 सितंबर से राज्य के 150 प्रखंडों में ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान की शुरुआत की गई है. 15 दिसंबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान के तहत मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में 10 फीसदी अतिरिक्त कार्य निष्पादित करने का विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है.

MGNREGA Special campaign
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Published : Sep 22, 2021, 4:01 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 4:49 PM IST

रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान की शुरूआत की है. इस अभियान के तहत 10 फीसदी अतिरिक्त काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य के अनुरूप मनरेगा को जमीन पर उतारने में कोताही बरतने वाले अधिकारी और कर्मियों को दंडित किया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वुधवार को झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यशाला में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे कर्मी जो ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों और रोजगार सृजन में कोताही बरतेंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने अपने संबोधन में नाराजगी जताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के पूरे होने या नहीं होने का फिजिकल जांच अधिकारी करने नहीं जाते. अधिकारियों की लापरवाही को लेकर आम जनता की शिकायत आती रहती है. ऐसे में सरकार की छवि खराब होती है. राज्य की जनता को लगे कि नई सरकार में कामकाज कैसे होता है. इस मौके पर मनरेगा के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रखंड विकास पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त को सम्मानित भी किया गया.

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आज से राज्य के 150 प्रखंडों में ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान की शुरुआत की गई है. 15 दिसंबर तक चलनेवाले इस विशेष अभियान के तहत मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में 10 फीसदी अतिरिक्त कार्य निष्पादित करने का विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है. 15 दिसंबर के बाद ग्रामीण विकास विभाग इसकी समीक्षा कर उत्कृष्ट कार्य करनेवाले पदाधिकारी को सम्मानित भी करेगा.

मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता रोजगार सृजन करना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से बेहतर कुछ भी नहीं है. कोरोना के समय प्रवासी मजदूरों को सहायता पहुंचाकर विभाग ने इसे प्रमाणित किया है. अधिक से अधिक ग्रामीणों को मनरेगा के तहत काम मिले यह लक्ष्य निर्धारित होनी चाहिए. राज्य के सभी 264 प्रखंडों में मनरेगा के तहत लक्ष्य के अनुरूप अभियान चले यह प्रयास होनी चाहिए.

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ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन और मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने संबोधित करते हुए कार्यशाला के उद्देश्य और आगे की कार्ययोजना के बारे में सभी बीडीओ और डीडीसी को जानकारी दी. ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन ने कहा कि ग्रामीणों के बीच मनरेगा योजना के प्रति जागरूक करना है जिससे सरकार की इच्छा के अनुरूप रोजगार मिल सके. मनरेगा के अलावे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अधूरे पड़े भवन को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया. मनीष रंजन ने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत 30 सितंबर तक लक्ष्य पूरा करना अनिवार्य है, नहीं तो केन्द्र से आगे की राशि मिलनी मुश्किल हो जायेगी. ब्लॉक में कई वर्षों से विभिन्न योजनाओं की पड़ी राशि को ट्रेजरी के माध्यम से सरकार को वापस करने का निर्देश दिया गया.

मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने ग्रामीणों की आस मनरेगा से विकास अभियान को राज्य के हर प्रखंडों तक चलाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि 150 प्रखंडों को जरूर चिंहित किया गया है जो लक्ष्य के अनुरूप मनरेगा कार्य करने में पीछे रहा है. ऐसे प्रखंडों को प्राथमिकता के आधार पर काम दिये जायेंगे. राज्य स्तर के बाद जिला और प्रखंड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कर अधिकारियों, कर्मियों को मोटिवेट किया जायेगा.

Last Updated : Sep 22, 2021, 4:49 PM IST

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