रांची: राजधानी रांची का हिंदी इलाका कोरोना वायरस का केंद्र बना हुआ है. आए दिन यहां से पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस इलाके के लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत नहीं समझ रहे हैं. हॉटस्पॉट तय होने के बाद हिंदपीढ़ी इलाके में जाने वाले सभी रास्ते को सील कर दिया गया है लेकिन मोहल्ले के भीतर लोगों की गतिविधि आम दिनों की तरह ही दिख रही है. ईटीवी भारत की टीम जब एकरा मस्जिद के पास सेंट्रल स्ट्रीट एंट्री गेट पर पहुंची तो यहां की गतिविधि सामान्य दिनों की तरह नजर आई. लोग इस गली में घूमते दिख रहे थे.
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अब सीआरपीएफ से है आस
जिस तरीके से हिंद पीढ़ी हॉटस्पॉट इलाके से कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं उसने राज्य सरकार की नींद उड़ा दी है. अभी आवाज साफ हो गई है कि हिंदपीढ़ी की विधि व्यवस्था को संभालना जिला पुलिस के बूते की बात नहीं रही. लिहाजा राज्य सरकार ने इस इलाके में सीआरपीएफ उतारने का फैसला लिया है. कोटी और गुमला से सीआरपीएफ की दो कंपनी रांची आ गई है और जल्द ही इस इलाके में तैनात हो जाएगी. आपको बता दें कि इसी इलाके से 31 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था. अब इस इलाके से दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं. खास बात यह है कि जब इस इलाके में पहला मामला आया था और उसके बाद संबंधित मरीज के कांटेक्ट हिस्ट्री को खंगालने के लिए पुलिस पहुंची थी तो इलाके के लोगों ने काफी विरोध भी किया था. दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां लगातार आरोप लगाती रहीं कि एक खास वर्ग की वजह से राज्य सरकार इस इलाके में शक्ति नहीं पड़ती है, जिसका खामियाजा पूरी रांची को भुगतना पड़ सकता है.