रांची:बारिश के मौसम में एक बार फिर सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गईं हैं. नतीजतन बड़ी संख्या में मरीज जान बचाने के लिए रिम्स पहुंच रहे हैं. इन दिनों रिम्स मेडिसिन विभाग में सर्पदंश के मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है. रिम्स के मेडिसिन विभाग में पिछले 2 दिन में 100 से ज्यादा मरीज सर्पदंश के इलाज के लिए आए हैं.
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जहरीले सांप के काटने के बाद रिम्स में इलाज कराने आईं हजारीबाग के चौपारण की रहने वाली शीला देवी के पति प्रदीप राणा ने बताया कि घास काटने के दौरान करैत नाम के सांप ने उनकी पत्नी के हाथ में काट लिया था. इसके बाद स्थानीय अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने रिम्स रेफर कर दिया. हालांकि फिलहाल मरीज की स्थिति सामान्य है.
मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन पहुंच रहे सर्पदंश के मरीज मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विद्यापति बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से इमरजेंसी सहित मेडिसिन विभाग में स्नेक बाइट के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप काटने के बाद झाड़-फूंक में समय न बर्बाद करें. सीधे अस्पताल पहुंचे, यहां इसका इलाज है. मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष का कहना है कि सांप काटने की ज्यादा घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं और यहां के लोग अक्सर सांप काटने के बाद झाड़-फूंक में लग जाते हैं, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है. ऐसे में मरीज को बचाने में दिक्कत आती है.
बिल में पानी भरने से सांप निकल आते हैं बाहर
इधर रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सक और जनसंपर्क अधिकारी डॉ. डीके सिन्हा बताते हैं कि बरसात के मौसम में सांप के बिल में पानी घुस जाता है, जिस वजह से वे सूखे जगह पर जाने लगते हैं. यहां उनका संपर्क आदमी से होता है और भूलवश कई बार लोग जहरीले सांप का शिकार भी हो जाते हैं.