झारखंड में तैयार अफीम की तस्करी शुरू, नेपाल समेत देश के कई राज्यों से जुड़े तार
झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में इस साल भी बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से अफीम की खेती हुई. जिन इलाकों में पुलिस को जानकारी हासिल मिली वहां कई एकड़ में लगाए गए अफीम की फसल को नष्ट भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद खुफिया विभाग को जो जानकारी मिली है, वह बेहद चौंकाने वाला है.
झारखंड में तैयार हुई अफीम की तस्करी शुरू
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Published : Mar 17, 2021, 4:33 PM IST
रांची: झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में अवैध तरीके से उगाई गई अफीम अब राज्य के बाहर भेजा जाने लगा है. झारखंड में कई राज्यों के तस्कर अफीम को ब्राउन शुगर में तब्दील करते हैं और फिर चोरी छिपे दूसरे राज्य ले जाते हैं. इस संबंध में सूचना मिलने के बाद झारखंड पुलिस अलर्ट पर है.
तैयार हुई फसल झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में इस साल भी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हुई. जिन-जिन इलाकों में पुलिस को जानकारी हासिल हुई. वहां कई एकड़ में लगाए गए अवैध अफीम की फसल को नष्ट भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद खुफिया विभाग को जो जानकारी मिली है, वह बेहद चौंकाने वाला है. मिली जानकारी के अनुसार, इस साल भी नशे के सौदागर हजारों एकड़ में अफीम की फसल उगाने में कामयाब रहे. अब उस अफीम को दूसरे राज्यों के तस्करों के साथ बाहर भी भेजा जाने लगा है.
अलर्ट पर पुलिस जिन-जिन इलाकों में अफीम की खेती होने की जानकारी पुलिस को मिली है, उन इलाकों के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर तस्करों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है, ताकि वे जिले से बाहर अफीम को ना ले जा सके. इसके लिए शहर से बाहर जाने वाले चेकनाकों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है.
यूपी से नेपाल तक के तस्कर हुए सक्रिय झारखंड के अफीम तस्करों के तार पड़ोसी देश नेपाल समेत देश के कई राज्यों से जुड़े हैं. राज्य से अफीम के डोडा की सप्लाई यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और पंजाब में की जाती है. जमशेदपुर के बड़े अफीम तस्कर गौतम के तार नेपाल से जुड़े हैं. गिरफ्तारी के बाद गौतम ने पूछताछ में कबूला है कि वह नेपाल और पश्चिम बंगाल के मादक पदार्थ तस्करों से संपर्क में था. 6 अगस्त 2020 को जमशेदपुर की मानगो पुलिस ने 150 ग्राम डोडा और 250 ग्राम अफीम के साथ गोलमुरी निवासी गौतम कुमार और रांची के मौलाना आजाद कॉलोनी निवासी हैदर अली को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में गौतम ने कबूला है कि वह रांची से डोडा और अफीम खरीद कर खड़कपुर ले जा रहा था. उसी दौरान पकड़ा गया.
बाहर के राज्यों से कब कब जुड़े तार (मामले 2019- 20) रांची की तमाड़ पुलिस ने लालपुर निवसी बबलू लोहरा, जितेंद्र कुमार सोनी और कोकर निवासी आशीष रंजन को गिरफ्तार किया था. ये अफीम का डोडा लेकर भुवनेश्वर जा रहे थे. रनिया पुलिस ने अफीम के साथ सिलवंती कोंगाड़ी, एब्रेसियास कोंगाड़ी समेत सात तस्करों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों ने पीएलफआई उग्रवादियों की तस्करी में शामिल होने की बात कबूली थी. खूंटी के मारंगहादा से दूसरे राज्यों में अफीम भेजी जा रही थी. पुलिस ने रंजीत और मनीष मुंडा को गिरफ्तार किया था. रामगढ़ में पश्चिम बंगाल के तस्कर मो. करीमुद्दीन शेख को अफीम देने आए चतरा के तस्कर विशाल और विकास को बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था. दोनों के संबंध पश्चिम बंगाल के कई तस्करों से रहे हैं.
हजारीबाग के मुफ्ससिल इलाके से अफीम के साथ यूपी बदायूं के गौरव सिंह, रवि हसन और हजारीबाग के आशीष और राजेश वर्मा को गिरफ्तार किया गया था. अफीम की तस्करी में यूपी के तस्कर शामिल थे. राजस्थान के अफीम तस्करों को चतरा पुलस ने 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार राजस्थान निवासी जाबाता राम और बाबू विश्नोई ने राजस्थान से लिंक की जानकारी दी थी.
अफीम की खेती नष्ट करने में झारखंड आगे झारखंड पुलिस मुख्यालय की नारकोटिक्टस देखने वाली सेल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 के अक्टूबर तक 127.93 किलोग्राम अफीम, 12 हजार 068 किलोग्राम डोडा और 13 लाख 99 हजार 200 रुपये नकद जब्त किए गए थे. वहीं, 2160.5 एकड़ जमीन से अफीम की खेती नष्ट की गई थी. राज्य में यूपी, राजस्थान और पंजाब के तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है.
किस साल कितनी एकड़ में नष्ट की गई अफीम साल 2020 में 2634.7 एकड़, साल 2019 में 2015.4 एकड़, साल 2018 में 2160.5 एकड़, 2017 में 2676.5 एकड़, 2016 में 259.19 एकड़, 2015 में 516.69 एकड़, 2014 में 81.26 एकड़, 2013 में 247.53 एकड़, 2012 में 66.6 एकड़ और 2011 में 26.85 एकड़ जमीन से अफीम नष्ट करने की कार्रवाई की गई है.