झारखंड

jharkhand

झारखंड में खुलेगा स्मार्टफोन-लैपटॉप बैंक, गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए कर सकते हैं जमा

By

Published : Jul 1, 2021, 7:05 AM IST

Updated : Jul 1, 2021, 11:47 AM IST

झारखंड के डीजीपी की पहल पर राज्य में थाना स्तर पर उपकरण बैंक (Equipment Banks) खोले जाएंगे. उपकरण बैंक में लोग बेकार पड़े स्मार्टफोन और लैपटॉप को जमा कर सकते हैं. इसके लिए प्रमाण पत्र जमाकर्ता को मिलेंगे.

ETV Bharat
लोगों से मिलती डीजीपी

रांची: कोरोना संक्रमण की वजह से वर्तमान समय मे अधिकांश शैक्षणिक गतिविधियां और परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जा रहीं हैं. लेकिन ऐसे बच्चे जिनके मां बाप बेहद निर्धन हैं, बच्चों के लिए स्मार्टफोन न खरीद पाने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे बच्चों की मदद के लिए झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने हाथ बढ़ाया है. पुलिस के मुखिया के पहल पर थाना स्तर पर उपकरण बैंक (Equipment Banks) खोलने की तैयारी की जा रही है. उपकरण बैंक में लोग अपने घरों में बेकार पड़े स्मार्ट फोन और लैपटॉप दान कर सकते हैं, जिन्हें गरीब बच्चों के बीच बांटा जाएगा.

इसे भी पढे़ं:पुलिस है तो लेट से ही आएगी...अब बदलनी होगी आपको ये सोच, जानें क्यों


क्या है योजना
झारखंड पुलिस कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत इस तरह के उपकरण बैंक खोलने की योजना बना रही है, जिसमें लोग अपने घरों में बेकार पड़े लैपटॉप, स्मार्टफोन या डेस्कटॉप को थाना या जिला स्तर पर बने उपकरण बैंक में जमा कर सकते हैं. जहां से इसे निर्धन और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाएगा.

डीजीपी की लोगों से अपील

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार हम सब काफी समय से वैश्विक महामारी कोविड और उससे उत्पन्न प्रभाव से जूझ रहे हैं. कोविड संबंधी प्रतिबंधों के कारण कई आवश्यक सेवाएं ऑनलाइन ही संचालित की जा रहीं हैं. इनमें शैक्षणिक सेवाएं सबसे अहम हैं, जिनमें अधिकांश कक्षाएं और परीक्षाएं डिजिटल माध्यम से ही संचालित की जा रहीं हैं. लेकिन प्रदेश की बड़ी आबादी स्मार्ट फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट खरीदने का खर्च नहीं उठा सकती. इसके लिए कम्यूनिटी पुलिसिंग के तहत थानों में स्मार्टफोन और लैपटॉप (उपकरण बैंक) बैंक खोले जाएंगे, जहां लोग अपने बेकार पड़े गैजेट दान कर सकेंगे, जिसे जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाएगा. डीजीपी नीरज सिन्हा ने आम लोगों से भी अपील की है कि वो उपकरण बैंक में अपने घर में बेकार पड़े स्मार्ट फोन और लैपटॉप जमा करें, ताकि गरीब बच्चे उसके जरिए अपना भविष्य संवार सकें.


इसे भी पढे़ं:कोरोना से जंग में खाकी के कंधों पर बढ़ी जिम्मेदारी, कई पुलिसकर्मी परिवार से दूर बिता रहे समय


थाने में जमा करा सकते हैं पुराने उपकरण
डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यह सुझाव दिया है कि वह थाना स्तर पर उपकरण बैंक खोलें और आम लोगों को जागरूक करें, ताकि उनके घर में बेकार पड़े उपकरण बैंक में जमा हो सकें. जमा किए प्रत्येक उपकरण के संबंध में थाने में दैनिक प्रविष्टि ( सनहा ) अंकित किया जाय, जिसकी सत्यापित प्रतिलिपि उपकरण जमा करने वाले व्यक्ति को प्रमाण स्वरूप दी जाय. इससे उन्हें संतुष्टि होगी कि उपकरण का दुरुपयोग किए जाने की स्थिति में जमाकर्ता जिम्मेवार नहीं होंगे. थाने में दर्ज सनहा में जमाकर्ता के नाम, पता, स्मार्टफोन का आईएमईआई नंबर, लैपटॉप का यूनिक पहचान नम्बर, जमा किए जाने की तिथि और समय अंकित किया जा सके. डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को यह सुझाव दिया है कि वह उपकरण बैंक संबंधी पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू करें, ताकि संचालन के दौरान सामने आने वाली अड़चनों के आधार पर आवश्यक सुधार किया जा सके.



प्रिंसिपल की अनुशंसा पर बच्चों को दिए जाएंगे स्मार्टफोन
उपकरण बैंक में जब लैपटॉप और स्मार्टफोन जमा हो जाएंगे, तब उस जिले में सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की अनुशंसा पर बच्चों को पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन और लैपटॉप दिए जाएंगे.

इसे भी पढे़ं:रांची नगर निगम होल्डिंग टैक्स वसूली में नंबर-1, ऑनलाइन पेमेंट करने वालों की बढ़ी तादाद



इंटरनेट कनेक्शन के लिए भी होगा प्रयास
डीजीपी की यह भी योजना है कि बच्चों को स्मार्ट फोन चलाने के लिए इंटरनेट कनेक्शन भी सामुदायिक पुलिसिंग के तहत उपलब्ध करवाया जाए. इसके लिए एक योजना तैयार की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द इसे असली जामा पहनाया जा सके.

Last Updated : Jul 1, 2021, 11:47 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details