रांची: देशभर में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने कवायद चल रही है. पटना में नीतीश कुमार की पहल पर बैठक के बाद अब बेंगलुरु में बैठक होने वाली है. विपक्षी एकता की कवायद के बीच झारखंड में सिंहभूम लोकसभा सीट झारखंड कांग्रेस और झामुमो के रिश्ते में खटास पैदा कर सकती है. क्योंकि दोनों दल इसपर अपना दावा कर रहे हैं.
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सिंहभूम लोकसभा सीट के लिए झामुमो का दावाः पश्चिमी सिंहभूम की झारखंड मुक्ति मोर्चा कमेटी सिंहभूम लोकसभा सीट पर अपना दावा कर रही है. इसको लेकर ये दलील दी जा रही है कि इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले छह में से पांच विधानसभा सीट पर झामुमो के विधायक हैं और एक सीट पर कांग्रेस का विधायक है. ऐसे में ये सीट कांग्रेस का विनिंग सीट होने के बावजूद झामुमो अपना दावा जताना शुरू कर दिया है.
ये सीट झामुमो को मिले, यह कार्यकर्ताओं की भावना- सुप्रियो भट्टाचार्यः सिंहभूम लोकसभा सीट पर झामुमो का हक होने की जिला कमेटी की भावना का सही बताते हुए केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिंहभूम के झामुमो कार्यकर्ताओं की भावना है. उन्होंने ने कहा कि ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्योंकि सिंहभूम सीट भले ही कांग्रेस की विनिंग सीट है और गीता कोडा वहां से सांसद हैं. लेकिन उस लोकसभा क्षेत्र की छह में से पांच विधानसभा सीट (मनोहरपुर, चक्रधरपुर, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव) से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैं जबकि सिर्फ एक जगरनाथपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. झामुमो के नेताओं का तर्क है कि विधानसभा सीटों में झामुमो के छह में से पांच विधायक हैं, इसलिए सिंहभूम लोकसभा सीट पर स्वभाविक दावा झारखंड मुक्ति मोर्चा का बनता है.
जब सीट शेयरिंग के लिए बैठेंगे महागठबंधन के दल तब इस पर होगी बात- सुप्रियोः झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता और सोरेन फैमिली के बेहद करीबी माने जाने वाले सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जब महागठबंधन के दल लोकसभा सीट के शेयरिंग के लिए साथ बैठेंगे तो उस समय परिस्थितियों का आकलन कर इस पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि सिंहभूम सीट सहित राज्य के लोकसभा सीटों को लेकर जब बेंगलुरु में बैठक होगी उसमें बात होगी, उसके बाद दिल्ली या कहीं और विपक्षी दलों की बैठक होगी उसमें बात होगी. झामुमो नेता ने कहा कि हमें कांग्रेस और राजद के राज्य स्तरीय नेताओं से क्या बात करना है. जब बात करनी होगी तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात होगी.
लोकसभा की विनिंग सीट पर कोई समझौता नहीं करेगी कांग्रेस- राकेश सिन्हाः कांग्रेस की विनिंग सिंहभूम लोकसभा सीट पर झामुमो की सिंहभूम जिला कमेटी की दावेदारी और उसके समर्थन में केंद्रीय नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ने कहा कि जीती हुई सीट पर कोई समझौता कांग्रेस नहीं करेगी. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि दावा कोई भी किसी सीट पर कर सकता है लेकिन सीटिंग सीट पर कोई समझौता नहीं होगा. राकेश सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में झामुमो रहता है और लोकसभा में कांग्रेस का, इस बार भी ऐसा ही होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि आने वाले वक्त पर कांग्रेस आलाकमान सबकुछ तय कर देगा.
सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से गीता कोड़ा हैं सांसदः 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के हाथों यूपीए की जबर्दस्त हार हुई थी. राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से एनडीए ने 12 (11 बीजेपी+01 आजसू) ने जीत ली थी. यूपीए को सिर्फ 02 (01 जेएमएम+01 कांग्रेस) सीटों पर जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में बाजी बिल्कुल पलट गई थी और यूपीए की एकतरफा जीत सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में हुई थी यहां एनडीए का खाता भी नहीं खुल सका था. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के अंदर पड़ने वाले 6 विधानसभा सीटों में से पांच पर झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत हुई थी जबकि एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार विजय हुए थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन सरायकेला से, दीपक बिरुआ चाईबासा से, जोबा मांझी मनोहरपुर से, निरल पूर्ति मझगांव से और सुखराम उरांव चक्रधरपुर से विधायक हैं. जबकि कांग्रेस के सोनाराम सिंह को जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं.
72 हजार से अधिक मतों से भाजपा को हराकर सांसद बनी थीं गीता कोड़ाः 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर में भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा ने 49.11 प्रतिश मत पाकर भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण गिलुआ को 72 हजार 155 मतों से हराया था. उस समय गीता कोड़ा को 04 लाख 31 हजार 815 मत मिले थे जबकि भाजपा उम्मीदवार को 03 लाख 59 हजार 660 (40.9 फीसदी) मत मिले थे.