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तमिलनाडु के राज्यपाल विवादों में तो सुर्खियों में हैं झारखंड के राज्यपाल, दोनों राज्यों से हैं इनके कनेक्शन, जानिए क्या है समानता - राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन

इन दिनों तमिलनाडु और झारखंड दोनों के राज्यपाल सुर्खियों में हैं. दोनों के दोनों राज्यों से कनेक्शन हैं. रिपोर्ट में पढ़िए कि क्यों ये सुर्खियों में हैं और दोनों राज्यपालों में क्या समानता है?

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Published : Jun 30, 2023, 5:43 PM IST

रांची: तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि विवादों में हैं. उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार मंत्री सेंथिल बालाजी को बिना सीएम की सिफारिश के बर्खास्त कर दिया. बाद में अटार्नी जनरल से सलाह का हवाला देकर अपने फैसले पर रोक भी लगा दी. इसकी पूरी देश में चर्चा हो रही है. हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. पहले भी केंद्र से अलग दल की राज्य सरकारों को राज्यपाल पशोपेश में डालते रहे हैं. इसकी वजह से टकराव भी देखने को मिले हैं. झारखंड भी इसका गवाह बना है. पूर्व राज्यपाल रमेश बैस के कार्यकाल में बंद लिफाफा और एटम बम वाले बयान से राजनीतिक पारा किस कदर चढ़ा था, इससे सभी वाकिफ हैं. लेकिन रमेश बैस की जगह आए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कुछ और वजहों से सुर्खियां बटोर रहे हैं. उनके काम के तौर तरीके पर प्रकाश डालने से पहले यह जानना जरूरी है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन में क्या समानता है.

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तमिलनाडु और झारखंड के राज्यपाल में समानता:बहुत कम लोग जानते होंगे कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (पूरा नाम- रवींद्र नारायण रवि) मूल रूप से बिहार के निवासी हैं. उनका जन्म पटना में हुआ है. उस वक्त आज का झारखंड, बिहार का ही हिस्सा था. वह 1976 बैच के केरल कैडर के आईपीएस ऑफिसर रहे हैं. उनके कार्यों को देखते हुए केंद्र सरकार ने जुलाई 2019 में नागालैंड का राज्यपाल मनोनीत किया था. वह उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं. उनको नागा शांति वार्ता के लिए केंद्र की तरफ से वार्ताकार भी बनाया गया था लेकिन कुछ वजहों से विवादों में आ गये थे. इसके बाद उन्हें सितंबर 2021 में तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया गया. पद संभालने के बाद उनका स्टालिन सरकार से टकराव जारी है. उन्होंने राज्य सरकार के स्वीकृत अभिषाषण के कुछ अंशों को न पढ़कर विवाद खड़ा कर दिया था. वह इस बात के पक्षधर रहे हैं कि तमिलनाडु का नाम बदलकर तमिझगम करना चाहिए. क्योंकि नाडु का अर्थ राष्ट्र होता है जो अलगाववाद दर्शाता है.

वहीं, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मूल रूप से तमिलनाडु के तिरुपुर के रहने वाले हैं. उनका भाजपा से पुराना संबंध रहा है. वह कोयंबटूर से भाजपा की टिकट पर 1998 और 1999 का लोकसभा चुनाव भी जीत चुके हैं. वहां की राजनीति में इनको "Modi of Tamilnadu" भी कहा जाता है. इनको करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी ने यह जानकारी ईटीवी भारत को दी थी. कोयंबटूर में इनकी स्पीनिंग फैक्ट्री है जिसे इनके पुत्र संभालते हैं.

झारखंड के राज्यपाल क्यों हैं सुर्खियों में:सीपी राधाकृष्णन को 18 फरवरी 2023 को रमेश बैस की जगह झारखंड का 11वां राज्यपाल बनाया गया. लेकिन उनके काम करने का तरीका झारखंड के अबतक के सभी राज्यपालों से अलग रहा है. इसकी वजह साफ है. वह अंग्रेजी भाषी हैं. फिर भी लोगों के बीच जाकर संवाद करना पसंद करते हैं. खुद को विवादों से दूर रखते हैं. नपे तुले अंदाज में बात रखते हैं.

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शपथ ग्रहण करने के बाद बजट सत्र के मौके पर 21 मार्च को राजभवन में विधानसभा सदस्यों के लिए रात्रि भोज के बाद उन्होंने काम करने की जो रफ्तार पकड़ी वह लगातार जारी है. अगले ही दिन सड़क मार्ग से बाबा बैद्यनाथ की पूजा करने पहुंच गये. वहां से दुमका गये और बासुकीनाथ की पूजा के बाद ही कह दिया था कि जो लोग राजभवन नहीं पहुंच पाते, उन लोगों तक उनकी पहुंच होगी.

कार्यभार संभालने के बाद से शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की कोई एक्टिविटी नहीं दिखी होगी. जब झारखंड में होते हैं राजभवन में गतिविधियां बढ़ीं रहती हैं. जिलों में जाते रहते हैं. जब राज्य में नहीं रहते तो कभी दिल्ली, तो कभी गुजरात और कभी उत्तरप्रदेश में नजर आते हैं. वह बेहद सक्रिय हैं.

राज्यपाल ने किन-किन जिलों का कर लिया दौरा

  1. राज्यपाल ने आम जनता से संवाद कार्यक्रम की शुरूआत दुमका से की. 22 मार्च को दुमका के घासीपुर गांव के मोहली टोली का दौरा किया और वहां के आंगनबाड़ी की व्यवस्था देखी. यहां उन्होंने स्थानीयों के साथ पहला सीधा संवाद किया.
  2. 23 मार्च को उन्होंने दुमका के दिसोम मांझी थान जाकर पूजा अर्चना की. इस दौरान एसपी महिला कॉलेज की छात्राओं की समस्या सुनकर उन्होंने फौरन उपायुक्त को समस्या का समाधान का निर्देश दिया. 24 मार्च को रांची विश्वविद्यालय में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव में शामिल हुए.
  3. 27 मार्च को हजारीबाग के चुरचू प्रखंड के बहेरा पंचायत की महिलाओं के साथ संवाद किया. साथ ही कजरी कॉटन बुनकर सहयोग समिति द्वारा उत्पादित साड़ी के बेहतर डिजाइन और तकनीकी अपडेट के लिए दक्षिण भारत से सहयोग और जरूरी तकनीकी मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.
  4. 21 अप्रैल को राज्यपाल ने गुमला के बिशुनपुर स्थित विकास भारती की गतिविधियों की जानकारी ली. इसके बाद गुमला के चिंगरी स्थित जतरा टाना भगत विद्या मंदिर से बच्चों से बात की और प्रोत्साहित किया. बिशुनपुर से लौटते वक्त उन्होंने घाघरा प्रखंड के नवडीगा गांव के लोगों से संवाद किया. इस दौरान जनहित की तमाम योजनाओं की जानकारी ली और जरूरमंदों को लाभान्वित कराने को कहा.
  5. 5 और 6 मई को उन्होंने गिरिडीह में प्रवास किया. इस दौरान पारसनाथ स्थित तमिलनाडु भवन भी गये. उसी दिन उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, सिंहपुर और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पीरटांड़ जाकर बच्चों से सीधी बात की. उसी दिन राजकीयकृत मध्य विद्यालय, चपरी, बोकारो जाकर बच्चों से मिले.
  6. 30 मई को रामगढ़ जिला के चितरपुर प्रखंड के भुचुंगडीह पंचायत जाकर ग्रामीणों के साथ संवाद किया.
  7. 6 जून को लोहरदगा के भकसो और रामपुर गांव गये. वहां ग्रामीणों से सीधा संवाद किया.
  8. 8 जून को लातेहार भ्रमण के क्रम में राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय, उदयपुरा में लोगों को संबोधित किया. उसी दिन पलामू के लहलहे पंचायत में जाकर आम लोगों से मिले. इस दौरान केंद्रीय योजनाओं पर चर्चा की. 9 जून को पलामू के मेदिनीनगर में भगवान बिरसा के शहादत दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.
  9. 13 जून को चतरा के करमा में उन्होंने कहा कि जब तक क्षेत्र भ्रमण कर स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं, उनकी आकांक्षाओं को न जाना जाय, तब तक उनकी समस्या का समाधान संभव नहीं है. उसी दिन कोडरमा को मरकच्चो गये. उन्होंने यहां की शत प्रतिशत साक्षरता, नशा मुक्ति की सराहना की. कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की नियुक्ति होगी. विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अलग से आयोग गठन को लेकर राज्य सरकार से वार्ता हुई है.
  10. 18 जून को उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया प्रखंड के भतकूंदा ग्राम में ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित किया. उसी दिन पश्चिमी सिंहभूम जिला के सदर प्रखंड के मटकमहातु ग्राम में ग्रामीणों के साथ संवाद किया. उसी दिन चाईबासा के मटकमहातु ग्राम में जनसंवाद कार्यक्रम के बाद अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय जाकर बच्चों से संवाद कर उन्हें मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली.
  11. 19 जून को राज्यपाल ने सरायकेला-खरसावां जिला के कुमार विजय प्रताप सिंहदेव राज्य संपोषित बालिका+2 उच्च विद्यालय पहुंचकर, वहां के शिक्षकों और छात्राओं से संवाद किया. अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय में जाकर बच्चों के साथ संवाद किया और उनके मध्य खेल सामग्री वितरित किया. इसी दिन सरायकेला-खरसावां जिला के ईटाकुदर गांव जाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया. 19 जून को ही खूंटी जिला के गुटजोरा स्थित ग्राम पंचायत सचिवालय के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों से संवाद किया.
  12. 23 जून को राज्यपाल ने पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा और डुमरचीर में ग्रामीणों से संवाद किया. उसी दिन साहेबगंज जिला के बरहेट प्रखंड के गोपालडीह में पहुंचकर वहां के लोगों से संवाद किया.
  13. 24 जून को गोड्डा जिला के सुन्दरपहाड़ी स्थित फुटबॉल मैदान में 'लोक संवाद कार्यक्रम' में भाग लेते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50,000 से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है. इसी दिन देवघर के मोहनपुर प्रखंड के ठाढ़ीयारा पंचायत भवन ग्रामीणों को संबोधित किया. 24 जून को ही जामताड़ा जिला के मेझिया गांव में जनता से संवाद के क्रम में लोगों की मांग पर उन्होंने कहा कि बराकर नदी के वीरगांव बरबेदिया घाट पर पुल निर्माण और जामताड़ा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया जाएगा.
  14. 25 जून को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने धनबाद के टुण्डी प्रखंड के कमारडीह पंचायत भवन में ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री रेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि देश के प्रत्येक नागरिक के पास अपना घर हो और देश का बच्चा-बच्चा शिक्षित हो.
  15. 28 जून को सिमडेगा जिला के अरानी पंचायत सचिवालय में लोगों के साथ संवाद करते हुए कहा कि अरानी पंचायत के विकास के लिए सभी जरूरी कार्य किये जायेंगे.

राज्यपाल के रूप में अप्रैल, मई और जून माह में ही उनकी इतनी गतिविधियां रहीं कि उसे गिनाने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे. इसलिए झारखंड में उनकी खूब चर्चा हो रही है. हालांकि लोगों से संवाद के कारण सत्ताधारी दलों ने उनपर सवाल भी खड़े किए लेकिन सीएम ने उनके इस पहल की सराहना कर विवादों पर विराम लगा दिया.

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