रांची:देश के साथ साथ झारखंड में भी चुनावी चहल-पहल शुरू हो गई है. चुनाव करीब आता देख सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा, झामुमो, आजसू जैसी राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों में चुनावी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन झारखंड जदयू के दफ्तर की तस्वीर इससे अलग है.
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बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के रांची स्थित प्रदेश कार्यालय की तस्वीर अन्य दलों के ठीक उलट है. इसी को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय का रियलिटी चेक किया. जिसमें पाया गया कि पार्टी कार्यालय में पदाधिकारी समेत प्रवक्ता मौजूद नहीं हैं.
पार्टी ऑफिस में सन्नाटा है, कमरों में कुर्सी, टेबल हैं लेकिन उन कुर्सियों पर बैठने वाले कार्यकर्ता कार्यालय से नदारद हैं. चुनाव के समय में लाजिमी होता है कि पार्टी के कार्यकर्ता क्षेत्र में लोगों से रूबरू होते हैं. लेकिन वहीं दूसरी ओर चुनाव के समय में अन्य दलों की तरफ से कई कार्यकर्ताओं को ऑफिस वर्क की भी जिम्मेदारी दी जाती है. जिसे कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ता पूरा करते हैं. वहीं चुनाव के समय में पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभाने वाले पदाधिकारी को भी ऑफिस में रहना होता है. ताकि वह किसी भी मुद्दे पर मीडिया से मुखातिब हो सके.
कार्यालय सचिव रामजी प्रसाद ने बताया कि प्रवक्ता आते हैं लेकिन काफी कम के लिए आते हैं. कई बार किसी भी मुद्दे पर आधिकारिक बयान देने के लिए प्रवक्ताओं को फोन करके बुलाना पड़ता है. वहीं कार्यालय में पहुंचे एक कार्यकर्ता ने बताया कि वह व्यक्तिगत काम से पहुंचे हुए हैं. लेकिन कार्यालय में लोगों के नहीं रहने की वजह से उन्हें भी कार्यालय से लौटना पड़ रहा है.
बता दें कि जनता दल युनाइटेड झारखंड में एक बड़ी राजनीतिक ताकत हुआ करती थी. राज्य के कई सरकारों में जनता दल यूनाइटेड के मंत्री हुआ करते थे. सुधा चौधरी, राजा पीटर, जलेश्वर महतो जैसे कई नाम है जो मंत्रिमंडल को सुशोभित कर चुके हैं. लेकिन धीरे-धीरे झारखंड में जेडीयू का जनाधार कम होता चला गया अब स्थिति ऐसी है कि प्रदेश कार्यालय में प्रवक्ता व अन्य कार्यकर्ता तक नहीं मिलते.