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कॉम्पिटिटिव एग्जाम में दिखेगा सिलेबस कटौती का साइड इफेक्ट! चिंतित हैं विद्यार्थी - प्रतियोगी परीक्षाओं में सिलेबस कट का साइड इफेक्ट

कोरोना के चलते दिल्ली से लेकर झारखंड बोर्ड के एकेडमिक सेशन में 30 से 40 फीसदी सिलेबस में कटौती की गई है. इसकी वजह से छात्र चिंतित हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं में विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. छात्रों की मांग है कि कंप्टीशन एग्जाम में भी सिलेबस घटाया जाए.

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बोर्ड में सिलेबस कटौती का कंप्टीशन एग्जाम में साइड इफेक्ट

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Published : Jan 18, 2021, 3:25 PM IST

Updated : Jan 19, 2021, 1:15 PM IST

रांची: कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है और अनलॉक के तहत देश को धीरे-धीरे खोला जा रहा है. महामारी की वजह से ठहरी जिंदगी अब पटरी पर लौटती दिख रही है. लेकिन बच्चों की इम्यूनिटी देखते हुए शैक्षणिक संस्थानों में अभी भी पाबंदियां लगी हैं. पठन-पाठन का काम व्यवस्थित हो सके इसके लिए धीरे-धीरे स्कूल खोले जा रहे हैं. झारखंड में 10वीं और 12वीं के बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है.

कोरोना के चलते इस साल परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए सिलेबस में कटौती की गई है. बोर्ड परीक्षा को लेकर जहां छात्र इससे राहत महसूस कर रहे हैं वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में सिलेबस कटौती नहीं होने से उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा. जिला स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एके सिंह का कहना है कि चाहे आईआईटी हो या नीट उसमें बेसिक कॉन्सेप्ट पर प्रश्न आधारित होते हैं. ऐसे में एग्जामिनी बॉडी को स्पष्ट करना होगा कि कितने प्रतिशत तक सवाल पूछे जाएंगे या बच्चों को पूरे सिलेबस की तैयारी करनी होगी.

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कोरोना के कारण सिलेबस में 3-40% की कटौती

कोरोना की वजह से दिल्ली बोर्ड से लेकर झारखंड बोर्ड के एकेडमिक सेशन में 30 से 40 फीसदी सिलेबस में कटौती की गई है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश के साथ-साथ कई राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से भी इसको लेकर निर्णय लिया गया है. शिक्षा जगत के एक्सपर्ट की माने तो भले ही कोरोना को लेकर विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए और परीक्षा परिणाम बेहतर हो इसके मद्देनजर सिलेबस में कटौती की गई हो. लेकिन आने वाले प्रतियोगी परीक्षाओं में इन परीक्षार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. पिछले साल की तुलना में इस साल विद्यार्थियों का विभिन्न कंप्टीशन एग्जाम को लेकर चैलेंज और ज्यादा बढ़ेगा.

प्रतियोगी परीक्षा विद्यार्थियों के लिए बड़ी चुनौती

सत्र 2021 के मैट्रिक और इंटर में झारखंड से लगभग जैक बोर्ड के सात लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होंगे. वहीं, आईसीएसई बोर्ड में झारखंड से हर साल करीब 1 लाख 70 हजार परीक्षार्थी शामिल होते हैं. सीबीएसई बोर्ड में लगभग दो लाख परीक्षार्थी 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होंगे. इस साल तीनों बोर्ड के सिलेबस में कटौती की गई है और इसी वजह से इस बार प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करना छात्रों के लिए बड़ी चुनौती होगी. छात्रों का कहना है कि कोरोना की वजह से उनका एक साल बर्बाद हो गया. ऑनलाइन क्लास से भी कोई खास फायदा नहीं हुआ. डाटा, मोबाइल और कई अन्य परेशानियों की वजह से ज्यादातर छात्र क्लास भी नहीं कर सके. छात्रों की मांग है कि कंप्टीशन एग्जाम में भी सिलेबस घटाया जाए.

Last Updated : Jan 19, 2021, 1:15 PM IST

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