झारखंड

jharkhand

रांची में जेनेटिक एनीमिया मरीजों की काउंसलिंग शुरू, डॉक्टर ने दी शादी के पहले ब्लड टेस्ट कराने की सलाह

By

Published : Aug 17, 2022, 4:51 PM IST

झारखंड को जेनेटिक बीमारी Sickle cell anemia और थैलेसीमिया से मुक्त करने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं. पिछले दो साल में करीब 55 हजार लोगों की स्क्रीनिंग हुई है. बुधवार से इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की काउंसलिंग शुरू हुई है. जहां डॉक्टर ने मरीजों को कई तरह की सावधानी बरतने की सलाह दी.

anemia patients counseling
anemia patients counseling

रांची: झारखंड को जेनेटिक एनीमिया मुक्त करने के लिए जरूरी है कि राज्य में जेनेटिक डिसऑर्डर की बीमारी सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia) और थैलेसीमिया की बीमारी को अगली पीढ़ी में जाने से ही रोक दिया जाए. इसके लिए जरूरी है कि इन कैरियर मरीजों की पहचान की जाए, फिर उनमें जागरुकता लाई जाए और उनकी काउंसलिंग की जाए कि थोड़ी सी सावधानी से कैसे इस बीमारी को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने से रोका जा सकता है. राजधानी रांची में इसे लेकर काम किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:शादी से पहले कुंडली नहीं, मेडिकल रिपोर्ट मिलाने की डॉक्टर दे रहे सलाह, जानिए क्यों


रांची में करीब 55 हजार लोगों की हुई है स्क्रीनिंग: रांची में सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया बीमारी की पहचान के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग कराई गई है. स्क्रीनिंग के नतीजे इस ओर इशारा करते हैं कि ये दो जेनेटिक बीमारी और इस रोग के वाहक (कैरियर) की बड़ी संख्या में रांची समेत राज्य में हो सकते हैं. रांची में 2 साल में करीब 55 हजार लोगों की स्क्रीनिंग हुई, जिसमें 2609 (4.83%) में सिकल सेल डिसऑर्डर पॉजिटिव (Solubility +ve) मिले हैं. वहीं थैलेसीमिक पॉजिटिव (Nestroft +ve) की संख्या 1526 (2.8%) है. सिकल सेल डिसऑर्डर पॉजिटिव मिले 2609 मामलों में 103 (3.94%) सिकल धारक (सिकल सेल एनीमिया) और 1426 (54.6%) सिकल सेल वाहक (सिकल सेल ट्रेट) थे. इसी तरह बीटा थैलेसीमिया माइनर की संख्या 333 (21.82%) और मेजर जिसे डिजीज भी कहते हैं उनकी संख्या 64 (4.19%) है.

देखें पूरी खबर

शुरू हुई मरीजों की काउंसलिंग: बुधवार को रांची के पैथोलॉजी विभाग में इन पॉजिटिव मरीजों और कैरियर्स में से 100 लोगों की काउंसिलिंग कराई गई और बताया गया कि कैसे इन दोनों बीमारी के कैरियर्स यानी वाहक आने वाली पीढ़ी में जा सकते हैं. सदर अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के हेड डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि हर दो महीने पर इस तरह की काउंसिलिंग कराई जाएगी ताकि इन दोनों जेनेटिक बीमारी से पहले रांची और फिर झारखंड को मुक्त किया जा सके.

मरीजों को डॉक्टर की सलाह:

  • काउंसलिंग में सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को अधिक मात्रा में हर दिन पानी पीने, कोई भी दिक्कत होने पर तत्काल अस्पताल जाकर इलाज कराने, ज्यादा मेहनत वाला काम नहीं करने जैसे सलाह दिए गए.
  • थैलेसीमिया के वाहक और मरीजों को यह बताया गया कि खून की कमी दूर करने के लिए खुद से आयरन और फोलिक एसिड की दवा न खाएं.
  • इसके अलावा डॉक्टर ने दोनों ही मरीजों को शादी के समय अपने होने वाले पार्टनर का ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी है, डॉक्टर ने कहा कि ऐसे मरीज नॉर्मल व्यक्ति से ही शादी करें ताकि आने वाली पीढ़ी में यह बीमारी न हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details