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जब झारखंड की श्वेता ने पीएम मोदी से पूछा- मेरा मन रात में पढ़ने को करता है, लोग कहते हैं दिन में पढ़ो, क्या करें - झारखंड न्यूज

परीक्षा पे चर्चा के पांचवें एडिशन में पीएम मोदी ने छात्रों के साथ सीधा संवाद किया. इस दौरान झारखंड की श्वेता कुमारी ने भी उनसे सवाल पूछा.

Shweta Kumari of Jharkhand asked question to PM Modi in Pariksha pe charcha
Shweta Kumari of Jharkhand asked question to PM Modi in Pariksha pe charcha

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Published : Apr 1, 2022, 5:02 PM IST

रांची/नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए छात्रों से संवाद किया. ये कार्यक्रम शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुआ, जहां पर प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को बताया कि किस तरह से परीक्षा के दबाव को कम किया जाए. इस कार्यक्रम में पूरे देश समेत दूसरे देशों से भी छात्रों ने पीएम मोदी से प्रश्न पूछे. इसी दौरान झारखंड के रामगढ़ जिले की श्वेता कुमारी ने पीएम से अपने मन की शंका दूर करने के लिए सवाल पूछा.

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झारखंंड की श्वेता कुमारी के सवाल: रामगढ़ जिले के पतरातू केंद्रीय विद्यालय की छात्रा श्वेता कुमारी ने पीएम मोदी से पूछा कि मेरा मन रात में पढ़ाई करने को करता है, लेकिन सब कहते हैं कि दिन में पढ़ो. ऐसे में मैं क्या करूं? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि पहले ये तय कर लें कि कंफर्ट किसमें हैं, यदि आप कंफर्ट नहीं होंगे तो आप जो चाहते हैं करना हो नहीं कर पाएंगे. आप जिसमें कंफर्ट हैं वो करें. उन्होंने कहा कि आपका काम है पढ़ाई करना, जिससे मैक्सिमम आउटकम आए, उससे जरा भी हटना नहीं है.

श्वेता के सवाल पर पीएम मोदी का जवाब

पीएम मोदी ने बच्चों से की बातचीत: पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं. पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं. अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए. दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी दबाव में मत रहिए. जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए.

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उन्होंने कहा कि जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या reel देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है. क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा. मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. सका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. ध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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