रांची: स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित विजिलेंस कमेटी की जांच में निजी प्रैक्टिस में रिम्स के तीन डॉक्टर दोषी पाए गए हैं. मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर जेके मित्रा, न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार और सुपरस्पेशलिटी कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रकाश कुमार से रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह ने स्पष्टीकरण मांगा है.
RIMS के 8 डॉक्टरों ने दिया VRS का आवेदन
रिम्स के कई बड़े और विशेषज्ञ डॉक्टर शहर के कॉरपोरेट अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे हैं. इसको लेकर सरकार और रिम्स प्रशासन की ओर से कई बार हिदायत भी दी गई है. अब निजी प्रैक्टीस में तीन डॉक्टों को विजिलेंस कमेटी ने दोषी करार दिया है. इस पूरे मामले पर रिम्स टीचर्स एसोसिएशन भी गोल बंद हो गया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार का कहना है कि जिन तीनों डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है वह अपने आवास के मरीजों को ही देख रहे थे. उन्होंने इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है. डॉ प्रभात ने बताया कि अब तक रिम्स के 8 डॉक्टरों ने वालंटियर रिटायरमेंट स्कीम का आवेदन दिया है. जिनमें डॉक्टर पूनम सिंह डॉक्टर और डॉ केके सिंह भी शामिल हैं.
डॉक्टरों को रिम्स छोड़ने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगा असर