रांचीःराजधानी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने के लिए अब मात्र दो आईपीएस अफसर बच गए (Shortage of IPS officers in Jharkhand Police) हैं. वैसे तो कहने को राजधानी रांची में एसएसपी, सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी और ट्रैफिक एसपी सभी हैं, लेकिन आईपीएस सिर्फ दो ही हैं. बाकी सिटी एसपी और ट्रैफिक एसपी का काम प्रभार पर चल रहा है.
हाल-ए-झारखंड पुलिसः दो आईपीएस के जिम्मे राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था, डेढ़ साल से ट्रैफिक एसपी का पद खाली - Shortage of IPS officers in Jharkhand Police
झारखंड की राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था मात्र दो आईपीएस के जिम्मे है(Shortage of IPS officers in Jharkhand Police). रांची में सिटी एसपी और ट्रैफिक एसपी का काम प्रभार पर चल रहा है.
एक आईपीएस पर तीन जिम्मेदारीःराजधानी रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम हैं, लेकिन उनके जिम्मे सिटी और ट्रैफिक एसपी दोनों का ही प्रभार है. सिटी एसपी अंशुमान कुमार के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में विरमित होने के बाद राजधानी में सिटी एसपी का पद भी खाली हो गया है. ऐसे में अब उसका प्रभार भी ग्रामीण एसपी ही संभाल रहे हैं.
पांच अगस्त 2021 से खाली है ट्रैफिक एसपी का पदः राजधानी के लोग जाम से परेशान हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद ट्रैफिक एसपी का पद खाली है. आईपीएस अंजनी अंजन जो वर्तमान में लातेहार के एसपी हैं वो रांची के अंतिम नियमित ट्रैफिक एसपी थे. अंजनी अंजन के तबादले के बाद राजधानी में ट्रैफिक एसपी का पद खाली है.
आईपीएस अफसरों की प्रतिनियुक्ति में हेरारकी का ख्याल नहींःराजधानी रांची में आईपीएस अफसरों की प्रतिनियुक्ति में हेरारकी का कोई ख्याल नहीं रखा गया है. रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वहीं रांची में ही ग्रामीण एसपी के पद पर पदस्थापित नौशाद आलम 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं. यानी राजधानी में जूनियर सीनियर एसपी हैं और सीनियर ग्रामीण एसपी.