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Published : Mar 11, 2020, 4:54 PM IST

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तीसरी बार राज्यसभा सांसद बनने के मूड में 'गुरुजी', तीन बार सीएम और आठ बार लोकसभा में रह चुके सांसद

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने बुधवार को झारखंड से राज्यसभा सांसद पद के लिए नामांकन किया. झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू आठ बार लोकसभा सांसद और राज्यसभा में दो बार सांसद रह चुके हैं. यह तीसरी बार होगा जब शिबू राज्यसभा का द्वार देखेंगे.

तीसरी बार राज्यसभा सांसद बनने के मूड में 'गुरुजी', तीन बार सीएम और आठ बार लोकसभा में रह चुके सांसद
शिबू सोरेन

रांचीः प्रदेश में सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन अपने आप में एक किंवदंती हैं. जिस उम्र में अमूमन लोग रिटायरमेंट की तरफ रुख कर लेते हैं उम्र के उस पड़ाव में अपने लोगों के बीच 'गुरुजी' के नाम से विख्यात सोरेन तीसरी बार राज्यसभा जाने के लिए निकल पड़े हैं.

दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके

73 साल की अवस्था में शिबू सोरेन ने बुधवार को झारखंड की खाली हो रही दो राज्यसभा सीटों में से एक पर अपना नामांकन दाखिल किया है. सोरेन झारखंड की पॉलिटिक्स के ऐसे राजनेता है जिनके माथे सबसे कम दिनों तक राज्य का मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड है. वहीं दूसरी तरफ राज्य का तीन बार चीफ मिनिस्टर होने का भी रिकॉर्ड है. झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता रहे सोरेन 8 बार लोकसभा में सांसद भी रह चुके हैं. इतना ही नहीं दो बार राज्यसभा भी जा चुके हैं.

एकीकृत बिहार में झामुमो विधायक दल के नेता रहे हैं सोरेन

एकीकृत बिहार में शिबू सोरेन बिहार विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता भी रह चुके हैं. 1984 में दुमका जिले की जामा विधानसभा सीट के लिए हुए चुनाव से चुनकर बिहार विधानसभा पहुंचे सोरेन उस दौर में पार्टी के विधायक दल के नेता रहे हैं. हालांकि झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री बनने के बावजूद वह झारखंड विधानसभा में इंट्री नहीं की. हालांकि एकबार उन्हें मौका मिला लेकिन उन्होंने लोकसभा का रास्ता ही चुना. 2009 में एक उपचुनाव हारे, बाद में दूसरी सीट पर की जीत दर्ज 2009 में बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने तमाड़ विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव पर भाग्य आजमाया लेकिन वहां उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके ठीक बाद जामताड़ा विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक विष्णु भैया ने इस्तीफा देकर गुरुजी को वहां से चुनाव लड़ाया. हालांकि शिबू सोरेन जामताड़ा सीट पर जीत गए. उन्हें 42,668 वोट भी मिले लेकिन उसी दौरान हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की और विधानसभा की बजाय वह लोकसभा चले गए.

लगातार तीन बार दुमका से सांसद

1980 में पहली बार बने लोस सांसद कैलेंडर के पन्नों को पलटकर देखें तो पहली बार शिबू सोरेन दुमका विधानसभा सीट से 1980 में लोकसभा पहुंचे. हालांकि 1984 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन 1989, 1991 और 1996 में लगातार वह लोकसभा चुनाव जीतते रहे. वहीं 2002 में हुए दुमका लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. जबकि 2004 और 2009 और 2014 में भी दुमका लोकसभा सीट से वह जीतकर संसद पहुंचे.

10 दिनों के लिए सीएम भी बने

झारखंड में सबसे कम दिनों तक मुख्यमंत्री बनने वाले सोरेन पहली बार 2005 में राज्य के सीएम बने. उसके बाद दूसरी बार अगस्त 2008 से जनवरी 2009 तक मुख्यमंत्री रहे. तीसरी बार उन्हें यह मौका दिसंबर 2009 से जून 2010 के बीच मिला.

सीएम, फॉर्मर सीएम, पूर्व लोस और पूर्व रास सांसद सोरेन परिवार

शिबू सोरेन के परिवार को सबसे रोचक बात यह है कि उनका परिवार की प्रेजेंस लगभग सभी सदन में रही है. उनकी पत्नी रूपी सोरेन भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली. रूपी सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय पदाधिकारी हैं. जबकि सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन जामा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी सीता सोरेन लगातार उस सीट पर विधायक हैं. उनके दूसरे पुत्र हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं और वह भी राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. इतना ही नहीं उनकी बेटी अंजलि सोरेन ओडिशा की मयूरभंज लोकसभा सीट से 2019 में भाग्य आजमा चुकी हैं. जबकि उनके सबसे छोटे पुत्र बसंत सोरेन पार्टी की युवा इकाई का नेतृत्व कर रहे हैं.

तीसरी बार राज्यसभा जाने का रास्ता लगभग तय

झारखंड विधानसभा के मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो पार्टी के उम्मीदवार शिबू सोरेन के राज्यसभा जाने में संशय नहीं है. आंकड़ों के अनुसार राज्यसभा उम्मीदवार को 27 प्रथम वरीयता वाले मतों की जरूरत है. जबकि विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 29 विधायक हैं. ऐसे में सोरेन के राज्यसभा जाने के रास्ते में कोई अड़चन नहीं दिख रही है.

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