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माता का सजा दरबार, जानिए नौ दिन कैसे करें नवदुर्गा की आराधना

नवरात्रि के नौ दिन कैसे करें मां की पूजा, किन बातों का रखे ख्याल, क्या हैं पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, इन्हीं तमाम सवालों के जवाब पाने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से. पढ़ें पूरी खबर.

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कैसे करें नवदुर्गा की आराधना

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Published : Oct 16, 2020, 10:05 PM IST

शारदीय नवरात्र की शुरुआत शनिवार से होने जा रही है, जिसकी तैयारियां हर जगह देखने को मिलने लगी हैं. प्रदेश भर में शारदीय नवरात्र की तैयारी काफी जोर-शोर से चल रही है, हालांकि कोरोना काल में इस बार नवरात्रि काफी सावधानी के साथ मनाई जा रही है, फिर भी सरकार ने बहुत कुछ छूट दे दिया है. शारदीय नवरात्र में अक्सर देखा जाता है कि, जगह-जगह पंडाल लगते हैं, नवरात्रि में देवी की पूजा की जाती है. 9 दिन के दौरान हर कोई माता की पूजा में लीन रहता है, ऐसे में सबके मन में सवाल रहता है कि, नवरात्रि के नौ दिन कैसे करें मां की पूजा, किन बातों का रखे ख्याल, क्या हैं पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, इन्हीं तमाम सवालों के जवाब पाने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से और जाना नवरात्र के दिनों में कैसे करें माता रानी को खुश.

कैसे करें नवदुर्गा की आराधना

घट स्थापन का शुभ मुहूर्त
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के अनुसार इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर यानी शनिवार के दिन से शुरू होने जा रही है, जिसके लिए घट स्थापन का समय ठीक 8 बजे से लेकर 10 बजे तक है. एक अभिजित मुहूर्त सुबह 11:30 से 12 के बीच है और शेष 2 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक स्थापना का विशेष मुहूर्त है.

कैसे करें स्थापना ?
जो लोग इस नवरात्र में आदि शक्ति माँ दुर्गा की स्थापना करना चाह रहे हैं, वो घर में पहले तो एक सुंदर सा पटा पर लाल कपड़ा बिछावें, एक लोटा में चावल भरके और लाल कपड़े में नारियल बांध कर वहां स्थापित करें और देवी की प्रतिमा रखें. वहां धूप दीप नैवेद्य सब विधि विधान से माता की पूजन करें.

नौ दिन में नौ देवियों की पूजा
नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों की पूजा की जाती है, प्रथम दिन मां शैलपुत्री की स्थापना होती है, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी के रूप में मां के पूजन के बाद नौवें दिन सभी देवियों का एक रूप बनता है और उस दिन विशेष रूप से उनका पूजन होता है.

इस नवरात्र इस राशि वाले करें ये काम

  • पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि, मेष, वृष, मिथुन, और कर्क ये राशि वाले माता का मात्र दर्शन का लाभ ही ले लें, तो पुण्य लाभ मिलेगा, या घर में स्थापना करें, उन्हें पुण्य लाभ मिलेगा. सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक राशि वालों के लिए नवरात्रि सामान्य रहेगी, इन्हें भी मात्र दर्शन लाभ लेने से पुण्य मिलेगा.
  • विशेषकर मकर राशि और कुंभ राशि वालों के लिए जरूरी है कि, घर में मूर्ति स्थापन करें, घट स्थापन करें, व्रत रखें और 9 दिन तक उपवास करें. नवमी या अष्टमी के दिन कन्याओं को भोजन कराएं तो विशेष फल प्राप्त होगी, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों में शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है. मां की आराधना और पूजन करने से शनि की साढ़ेसाती का समापन होगा.
  • मीन राशि वालों के लिए नवरात्र शुभ रहेगा, वो दर्शन लाभ लें या सभी देवियों के पास जाकर वहां पर स्थापना करें और पूजन अर्चन कर प्रसाद चढ़ाएं, इतने में ही उन्हें पुण्य लाभ मिल जाएगा. किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.

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क्या करें, क्या ना करें
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री ने बताया कि, नवरात्रि के समय में जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. अंडा, मांस, मुर्गी का सेवन नहीं करना चाहिए. इस नवरात्रि में यदि संभव हो तो दाढ़ी बाल भी न बनवाएं. हर दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और देवी जी के मंदिर में जाकर चावल और लाल फूल अवश्य चढ़ाएं.

इस दिन करें व्रत
जो व्यक्ति उपवास कर सकते हैं वो 9 दिन का करें और अगर 9 दिन का नहीं करना चाहते हैं, तो प्रतिपदा, पंचमी, अष्टमी का करें और अधिक करना चाहें तो प्रतिपदा, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी को व्रत रख सकते हैं. अगर किसी को दिक्कत हो रही है, तो सिर्फ प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत अवश्य रखें उतना ही पुण्य मिलेगा.

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