रांचीः राजधानी में अब तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लग पाया है. 4 साल पहले शहर में सीवरेज ड्रेनेज लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था. इसके तहत पहले फेज में 9 वार्ड में यह लाइन बिछाना था, जिसमें मात्र 6 वार्डों के कुछ हिस्सों में ही सीवरेज लाइन बिछाया गया और ना वो शुरू हो पाया. जनता को इससे लाभ की उम्मीद थी लेकिन योजना अधर में लटकने की वजह से इसका फायदा किसी को नहीं मिल पाया है.
राजधानी रांची में बड़ी आबादी शहरी क्षेत्र में बसती है. ऐसे में शहर से हर दिन लाखों लीटर सीवरेज निकलता है. अगर इसका ट्रीटमेंट सही तरीके से नहीं हो तो यह भू-जल स्रोतों को भी प्रदूषित कर सकता है. इसको लेकर रांची नगर निगम समय-समय पर कार्रवाई किए जाने की बात कही जाती रही है. लेकिन बड़ी आबादी होने की वजह से सबकी चेकिंग कर पाना मुश्किल है. इसके लिए फिर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है.नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर 29 दिसंबर को मोरहाबादी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की ओर से शिलान्यास किया गया. एजेंसी भी नामित कर दी गई है और एग्रीमेंट भी हो चुका है, बहुत जल्द इसके लिए काम शुरू होगा.शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का फिर से टेंडर हुआ है, इसमें एनलाइसिस करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 9 वार्डों में काम होना है, पहले भी 80 करोड़ इस काम में खर्च किए गए हैं, जिसका परिणाम शून्य रहा है. ऐसे में कहीं ऐसा ना हो कि 280 करोड़ की योजना का परिणाम फिर से शून्य आ जाए.ऐसे में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने की वजह से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. जबकि अधूरे सीवरेज ड्रेनेज लाइन के काम की वजह से वार्ड नंबर 1 से 5 और 30 से 33 के तहत बजरा, पंडरा, पिस्का मोड़, बैंक कॉलोनी, रातू रोड, इंद्रपुरी, अलकापुरी, मोरहाबादी, बूटी बस्ती की सड़क की स्थिति भी खराब हुई है और करोड़ों रुपए बर्बाद भी हो चुके हैं.