रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में शनिवार सुबह से ही सर्वर डाउन रहा. इसके कारण मरीजों के निबंधन से जांच तक का काम प्रभावित हुआ. मरीजों के लिए पर्ची काट रहे इमरजेंसी के कर्मचारियों ने बताया कि मरीजों का रजिस्ट्रेशन मैनुअल प्रक्रिया से करनी पड़ रही है. इससे ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की पर्ची तो कट रही है लेकिन जांच के लिए मैनुअल व्यवस्था न होने से काम ठप है. रिम्स में इंटरनेट व्यवस्था बाधित होने से सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
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राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान रिम्स को ई हॉस्पिटल बनाने के लिए विभागीय मंत्री और रिम्स के अधिकारी आए दिन दंभ करते हैं. लेकिन शनिवार को जैसे ही लगभग 5 घंटे तक सर्वर डाउन हुआ इससे सभी अधिकारियों और विभागीय मंत्री के वादों की पोल खुल गयी. शनिवार सुबह 7:00 बजे से ही रिम्स अस्पताल की इंटरनेट व्यवस्था ठप हो गयी. कर्मचारियों ने बताया कि सर्वर डाउन होने के कारण इंटरनेट व्यवस्था बंद हो गयी थी. जिससे मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो पाना मुश्किल हो रहा था.
मरीजों की परेशानियों को देखते हुए रिम्स के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. शैलेश त्रिपाठी ने सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि तत्काल मरीजों को मैनुअल तरीके से पर्ची काटकर उनका निबंधन कराया जाए ताकि वह संबंधित डॉक्टर से दिखा पाएं. लेकिन यह व्यवस्था भी पूरी तरह मरीजों को राहत नहीं पहुंचा पाई. किसी तरह कर्मचारियों ने मरीजों के हित को देखते हुए हाथ से पर्ची काटना शुरू किया गया. लेकिन धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ती गयी और अस्पताल में आने वाले मरीज मजबूर होकर इंतजार करने को विवश हो गए.
हाथों से पर्ची काटते रिम्स के कर्मचारी डॉक्टर से दिखाने के लिए निबंधन तो किसी तरह मैनुअल तरीके से हो रहा था. लेकिन डॉक्टर से दिखाने के बाद जांच कराने के लिए पर्ची काटने की कोई व्यवस्था नहीं थी. जिसको लेकर मरीजों को लगभग 4 घंटे से 5 घंटे तक अस्पताल में लंबा इंतजार करना पड़ा. रांची के सुदूर इलाके से आए एक मरीज ने बताया कि लगभग 4 घंटे से वह जांच की पर्ची कटाने के लिए खड़े हैं. लेकिन लिंक फेल होने के कारण कर्मचारी उनका पर्ची काट नहीं रहे हैं. रिम्स में सर्वर डाउन होने की वजह से करीब 300 मरीजों को इलाज के लिए समस्या झेलनी पड़ी.
हालांकि करीब दोपहर 12:00 बजे रिम्स में इंटरनेट सुविधा बहाल हो गयी. जिसके बाद मरीजों के निबंधन की पर्ची कटने लगी. रिम्स को इंटरनेट की सुविधा नेपाल हाउस से दी जाती है. लेकिन लिंक फेल होने की समस्या आए दिन देखने को मिलती है. जिस वजह से कई बार टीकाकरण और अन्य इलाज की सुविधा घंटो तक बाधित होती दिखी है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भले ही सरकार और अधिकारी रिम्स को ई हॉस्पिटल बनाने का दावा करें लेकिन अभी रिम्स को ई हॉस्पिटल बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.