झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

सुखाड़ की मार से किसानों के साथ बीज-खाद विक्रेता भी चिंतित, कहा- घर चलाना हुआ मुश्किल - ranchi news

झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात से एक ओर किसान परेशान हैं, तो वहीं किसानों से भी ज्यादा परेशान राज्य के खाद और बीज विक्रेता हैं. बारिश नहीं होने से किसान खेती नहीं कर रहे हैं, और जब खेती ही नहीं होगी तो खाद, बीज या कीटनाशक की भी बिक्री नहीं होगी. ऐसे में खाद और बीज विक्रेता परेशान हैं.

drought in Jharkhand
drought in Jharkhand

By

Published : Aug 5, 2023, 6:40 PM IST

Updated : Aug 5, 2023, 7:41 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: राजधानी रांची के अरगोड़ा चौक से कटहल मोड़ की ओर जाने वाले रास्ते में चंद कदम आगे बढ़ने पर दाहिनी ओर एक दुकान है. दुकान का नाम है- 'किसान बीज भंडार.' इस दुकान पर एक युवक आजकल उदास मन से बैठे रहते हैं. पूछने पर उन्होंने अपना नाम उमेश बताया. खेती बाड़ी के सीजन में उदासी का कारण पूछने पर उमेश बताते हैं कि दो वर्षों से उनके व्यवसाय की स्थिति ठीक नहीं है. पिछले वर्ष सुखाड़ में ज्यादातर खेत खाली रह गए और इस वर्ष भी कुछ वैसा ही हाल है. कीटनाशक एक्सपायर होने के साथ-साथ खाद और बीज की बिक्री भी नहीं के बराबर हो रही है. जब बिक्री ही नहीं होगी, तब घर परिवार कैसे चलेगा.

यह भी पढ़ें:झारखंड में लगातार दूसरे साल सूखे की आहट, खेत की जगह किसानों की आंखों में भरा पानी

उमेश झारखंड के अकेले बीज और खाद विक्रेता नहीं हैं, जिनके चेहरे की हंसी अन्नदाताओं की तरह ही गायब है. झारखंड में उमेश जैसे बीज खाद विक्रेताओं की संख्या हजारों में है, जो मानसून की बेरुखी की मार झेल रहे हैं. ये अपना दर्द किसानों से भी ज्यादा मानते हैं, क्योंकि किसानों को तो सरकार की ओर से मुआवजा या सहायता राशि मिल जाती है, लेकिन इन्हें सरकार की ओर से कुछ भी लाभ नहीं मिलता है. इन खाद और बीज विक्रेताओं के जीवन की गाड़ी इंद्रदेव की बारिश और खेतों की हरियाली पर निर्भर ही रहती है. वे भगवान से सिर्फ अच्छी बारिश की प्रार्थना ही कर सकते हैं.

सरकार से नहीं मिलती कोई मदद: रांची के कचहरी रोड में बीज खाद और कीटनाशक के साथ-साथ कृषि उपकरण बेचने वालों की कई दुकानें हैं. इन्हीं में से एक के मालिक संजय कहते हैं कि राज्य में खराब मौसम और कम वर्षा की वजह से उनके जैसे व्यवसायियों की आमदनी आधी रह गयी है. उन्हें मलाल इस बात का भी है कि सरकार उनकी कोई मदद नहीं करती. जबकि उनकी रोजी रोटी पर भी मौसम की उतनी ही मार पड़ती है.

राज्य में क्या है वर्षापात की स्थिति: राज्य में 01 जून से 05 अगस्त तक सामान्यतः 559.8MM की जगह 351.2 MM वर्षा हुई है. उसमें भी जून और जुलाई के अंत तक यह अंतर काफी बड़ा था. 24 में से सिमडेगा और साहिबगंज को छोड़कर बाकी के 22 जिलों में सामान्य से कम वर्षा का नकारात्मक असर राज्य में खेती पर पड़ा है.

क्या है खरीफ फसलों के आच्छादन की स्थिति:राज्य में कुल 28 लाख 27 हजार 460 हेक्टेयर में खरीफ की खेती की जाती है. कम वर्षापात की वजह से इसमें से 09 लाख 30 हजार 747 हेक्टेयर (32.92%) में ही आच्छादन हुआ है. धान की खेती का लक्ष्य 18 लाख हेक्टेयर का है, जिसमें से सिर्फ 4 लाख 76 हजार हेक्टेयर (26.46%) में धान की रोपनी हुई है. ऐसे में जब ज्यादातर खेत अभी परती पड़े हैं तो राज्य के अन्नदाताओं के साथ-साथ खाद बीज विक्रेताओं का दर्द समझना मुश्किल नहीं है.

Last Updated : Aug 5, 2023, 7:41 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details