रांचीःकोरोना संक्रमण की विषम परिस्थिति ने लोगों को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया है. इसके चलते मानसिक रूप से टूटने से तमाम लोग खुदकुशी कर रहे हैं. इससे कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के मामले बढ़ गए हैं. इसका खुलासा झारखंड सरकार की ओर से एनसीआरबी (NCRB ) को भेजी गई रिपोर्ट से हुआ है. झारखंड सरकार के एनसीआरबी को भेजे गए आंकड़ों से पता चलता है कि झारखंड में कोरोना काल में आम दिनों की तुलना में खुदकुशी के मामले डेढ़ गुना बढ़ गए हैं.
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आत्महत्या के मामले बढ़े
झारखंड में कोरोना संक्रमण काल के दौरान आत्महत्या की घटनाओं में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. राज्य पुलिस के स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की ओर से केंद्र सरकार के गृह विभाग के अंतर्गत काम करने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को भेजी गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. राज्य सरकार की ओर से भेजे गए आंकड़ों के मुताबिक 2019 में जब परिस्थितियां सामान्य थीं तब राज्य में खुदकुशी की 1646 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2020 में कोरोना काल के दौरान खुदकुशी करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई. कोरोना से उपजी परिस्थितयों में राज्यभर में कुल 2145 लोगों ने मौत को गले लगाया, जो पिछले साल के मुकाबले 499 अधिक है.
जान देने के लिए अपनाए अलग-अलग तरीके
एससीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2145 लोगों में सबसे अधिक 1237 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी की तो 419 लोगों ने जहर खा लिया. जहर खाकर जान देने वालों में 326 लोग ऐसे थे, जिन्होंने कीटनाशक खाकर जान दिया तो 93 लोगों ने दूसरी तरह के जहर का खुदकुशी के लिए इस्तेमाल किया.