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स्क्रैच कूपन भेज करते थे ठगी, E-कॉमर्स कंपनियों की मिलीभगत भी आई सामने

झारखंड की राजधानी में आॉनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर 22 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से नकद, मोबाइल और कागजात बरामद हुए हैं.

22 अपराधी गिरफ्तार

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Published : Jul 18, 2019, 11:50 AM IST

रांची: स्क्रैच कूपन पते पर भेजकर लोगों को चूना लगाने वाले गिरोह के 22 अपराधियों को एसएसपी अनीश गुप्ता ने बुधवार को मीडिया के सामने पेश किया. इसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया है. पकड़े गए सभी 22 अपराधियों में चार लोग गिरोह के सरगना हैं, जबकि 18 को नौकरी पर रखा गया था.

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बिहार के हैं अधिकांश अपराधी


मुख्य रूप से पूरी टीम को विजय कुमार गुप्ता लीड करता है, सभी ने मिलकर बिहार के गया, नालंदा और पटना के बेरोजगारों को नौकरी पर रखा. इसके बाद रांची के सुखदेव नगर इलाके में कॉल सेंटर खोलकर लाखों का चूना लगा चुके हैं. नौकरी पर रखे गए युवकों को यह पता भी नहीं था कि वे साइबर ठगी का काम कर रहे हैं. नौकरी पर रखे गए युवकों में किसी से रजिस्टर में डाटा एंट्री, तो किसी को रजिस्ट्री पोस्ट करवाया जाता था. किसी का काम सब्जी लाकर खाना बनाना भी था.

जबकि गिरोह के सरगना विजय कुमार गुप्ता, अखिलेश कुमार, अभिनव पांडे और ओमप्रकाश ठगी के लिए फोन कर खाते में पैसे मंगवाते थे. इसके लिए अलग-अलग बैंकों में फर्जी नामों से कई बैंक खाते खुले हुए थे. इस मामले में सुखदेव नगर थाना में दो एफआइआर दर्ज किए गए हैं.


बंद लिफाफे में भेजते हैं स्क्रैच कूपन


एसएसपी के अनुसार साइबर अपराधियों ने व्यवस्थित तरीके से सेटअप तैयार कर रखा था. कॉल सेंटर में सभी का काम बंटा हुआ था. उनमें से एक अपराधी किसी प्रतिष्ठित ऑनलाइन शॉपिंग साइट से जाकर डाटा लाता था. डाटा के लिए शॉपिंग कंपनी के कर्मी को पैसा मिलता था. वे ऐसे लोगों के नाम, पता और फोन नंबर उपलब्ध करवाते थे, जिन्होंने हाल में ऑनलाइन शॉपिंग साइट के जरिए सामान खरीदारी की हो. उनकी डिलीवरी एड्रेस लेकर उनके पते पर बंद लिफाफे में उसी शॉपिंग कंपनी के पैड पर एक स्क्रैच कूपन और बधाई पत्र भेजते थे.


स्क्रैच कूपन में रहता है हेल्पलाइन नंबर


पते पर भेजा गये स्क्रैच कूपन में हेल्पलाइन नंबर लिखा रहता था. स्क्रैच कूपन को स्क्रैच करते ही उसमें कार, फ्रिज, लाखों के ईनाम मिलते हैं. ईनाम देखकर दिए गए नंबर पर कॉल करने पर उसमें संबंधित नंबर पर कोड मैसेज करने के लिए कहा जाता है. कोड मैसेज करते ही साइबर अपराधी कॉल कर उनसे जीएसटी व प्रोसेसिंग फीस के रूप में छह से पचास हजार रुपये तक मांगते हैं. जबकि वाहन निकलने पर रजिस्ट्रेशन नंबर, एनओसी और जीएसटी के नाम पर रुपये खाते में मंगवाया जाता है. लोग उनके झांसे में आकर रुपये भेजते हैं, इसके बाद अपराधी संबंधित सिम तोड़कर फेंक देते हैं.


ऑफिसनुमा था किराए का मकान


एटीएस और सीआइडी की सूचना पर रांची पुलिस की टीम ने सबसे पहले देवी मंडप रोड के विजय साहू के घर छापेमारी की. वहां ऑफिसनुमा कमरा से अपराधियों को दबोचा. पकड़े गए अपराधियों में नीतीश कुमार के घर में छापेमारी की. वहां से अवैध कागजातों के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं देवी मंडप रोड हेसल के रहने वाले मनोज कुमार सिंह के घर से नौ लोगों को कई कागजात के साथ गिरफ्तार किया. इसके बाद पिस्का मोड़ स्थित नोवा नगर के रहने वाले विजय साहू के घर छापेमारी कर एटीएस और सीआईडी की टीम ने 10 लोगों को कई कागजात के साथ गिरफ्तार किया. मकान मालिक को सभी ने स्टूडेंट बताकर कमरा ले रखा था.
ये हुआ बरामद

आरोपियों के पास से 56460 रुपये नकद, 60 मोबाइल, 5000 से अधिक स्क्रैच कूपन, दो चेकबुक, दो पासबुक, हेल्पलाइन मुहर, पांच रुपये वाली 930 डाक टिकट सहित अन्य सामान बरामद किए गए हैं.

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