रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने अगले महीने से स्कूल खोलने को लेकर संकेत दिए हैं. एक समारोह के दौरान बातचीत के बीच सूबे के शिक्षा मंत्री ने इस ओर इशारा किया है. उनकी मानें तो 30 सितंबर तक अगर केंद्र सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन आती है तो उसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी, नहीं तो राज्य सरकार अपनी ओर से तैयार गाइडलाइन के आधार पर विचार करेगी.
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत 21 सितंबर से कुछ राज्यों में स्कूल खोले गए हैं, लेकिन झारखंड में बढ़ते कोविड-19 के प्रकोप के कारण 30 सितंबर तक अगले आदेश तक के लिए स्कूल-कॉलेज समेत विभिन्न शिक्षण संस्थान फिलहाल बंद रखे गए हैं. अगले महीने से राज्य सरकार का शिक्षा विभाग स्कूल खोलने पर विचार जरूर कर रहा है.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक समारोह के दौरान इस मामले को लेकर चर्चा भी की है. उन्होंने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ लगातार सुरक्षा को लेकर चर्चाएं हो रहीं हैं, एक दिशानिर्देश तैयार किया जा रहा है. उसी के आधार पर जल्द ही सरकार स्कूल खोले जाने को लेकर फैसला ले सकती है.
30 सितंबर तक अगर केंद्र सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन आती है तो ठीक है, नहीं तो राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्णय लेगी. वहीं हाई कोर्ट की ओर से नियोजन नीति रद्द करने और बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति प्रभावित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पूरे मामले को लेकर खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं, पूरे वस्तु स्थिति की समीक्षा की जाएगी, तब राज्य सरकार अपना स्टैंड क्लियर करेगी.
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शिक्षा विभाग की बेहतर पहल
शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों के बच्चों को राज्य में हेल्थ एंबेसडर बनाए जाने को लेकर एक योजना बनाई जा रही है. इसके लिए प्रत्येक स्कूल से दो- दो विद्यार्थियों का चयन होगा और इन्हें हेल्थ एंबेसडर बनाया जाएगा. इन विद्यार्थियों को फिजिकल, सोशल, इमोशनल और मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूक किया जाएगा.
फिर उन्हें अपने सहपाठियों को जागरूक करने को लेकर टास्क दिया जाएगा. वर्तमान में राज्य के कई स्कूलों में बाल संसद योजना संचालित हो रहीं हैं. उसी तर्ज पर हेल्थ एंबेसडर स्वास्थ संबंधी जानकारी को लेकर स्कूली बच्चों को बनाए जा रहे हैं. इसके लिए हर स्कूल के दो-दो शिक्षकों को ट्रेनर के लिए भी ट्रेंड किया जा रहा है. दीक्षा पोर्टल के माध्यम से इन शिक्षकों को ट्रेंड किया जा रहा है. इसकी शुरुआत राज्य के 19 आकांक्षी जिलों से की जानी है. आयुष्मान भारत योजना के तहत विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है और इसी के तहत राज्य शिक्षा विभाग के साथ तालमेल बैठाकर यह कार्यक्रम राज्य सरकार की ओर से चलाई जाएगी.