झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड में योजनाओं का खेल, रघुवर की सुकन्या योजना बन गई हेमंत की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, क्या है दोनों में अंतर

Name two scheme one in Jharkhand. झारखंड में योजनाओं का खेल चल रहा है. रघुवर दास सरकार की सुकन्या योजना हेमंत की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना बन गई. आइए जानते हैं दोनों में अंतर क्या है?

Name two scheme one in Jharkhand
Name two scheme one in Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 29, 2023, 8:30 PM IST

रांची: झारखंड चुनावी वर्ष की दहलीज पर खड़ा है. सरकार जनता के बीच अपने चार साल की उपलब्धियां गिना रही है तो विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है. हेमंत सरकार सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का जोरशोर से गुणगान कर रही है. खुद मुख्यमंत्री हर मंच से इस योजना का जिक्र कर रहे हैं. वह बता रहे हैं कि बच्चियों की शिक्षा का पूरा जिम्मा सरकार ने उठा लिया है. इस योजना का उद्देश्य है महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा पर जोर, बाल विवाह पर रोक और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज जिस सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का जिक्र हो रहा है, उसकी शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के नाम से की थी. उस योजना का संकल्प 21 अगस्त 2019 को जारी हुआ था. लेकिन 24 अगस्त 2022 को सुकन्या योजना का नाम बदल गया. उसे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना बना दिया गया. इस योजना का संकल्प 5 सितंबर 2022 को जारी हो गया. दोनों योजनाओं का मकसद एक ही है. इसका लाभ एसईसीसी, 2011 और अंत्योदय परिवार की बच्चियों को मिलता है.

सुकन्या योजना का पोस्टर

मुख्यमंत्री सुकन्या योजना और सावित्रीबाई फुले योजना में अंतर:तत्कालीन रघुवर सरकार की सुकन्या योजना का लाभ बालिका को छह किश्तों में मिलता था. बेटी के जन्म पर माता के खाते में 5 हजार रुपए दिये जाते थे. बच्ची के पहली कक्षा में नामांकन पर 5 हजार रुपए मिलते थे. इसके बाद 5वीं पास करने पर 5,000 रुपए, 8वीं पास करने पर 5,000 रुपए, 10वीं पास करने पर 5,000 रुपए, और 12वीं पास करने पर 5,000 रुपए, यानी कुल 30,000 रुपए दिये जाते थे. बालिका के 18 साल की उम्र पूरी होने पर अलग से 10,000 रुपए देने का प्रावधान था. लिहाजा, बच्ची के जन्म से 12वीं पास करने और 18 साल की उम्र पूरी करने पर कुल 40,000 रुपए दिये जाते थे.

लेकिन सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में किश्त देने का तरीका बदल दिया गया. इसके तहत 8वीं में नामांकन पर 2,500 रुपए, 9वीं में नामांकन पर 2,500 रु., 10वीं में नामांकन पर 5,000 रु., 11वीं में नामांकन पर 5,000 रु., और 12वीं में नामांकन पर 5,000 रु., दिए जाते हैं. लिहाजा, 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने पर बालिका को कुल 20,000 रु. उसके बैंक खाते में जमा होते जाते हैं. जब बालिका की उम्र 18 से 19 साल होती है तो उसे एकमुश्त अलग से 20,000 रु. यानी कुल 40,000 रु. देने का प्रावधान है.

सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की लाभुक

किसको मिलता है सावित्रीबाई फुले योजना का लाभ:सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ माता की प्रथम दो पुत्रियों को मिलता है. हालांकि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान सीएम हेमंत सोरेन को जैसे ही पता चला कि कई घरों में दो से ज्यादा बेटियां हैं तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि बहुत जल्द नियम में बदलाव कर एक घर की सभी बेटियों को इसका लाभ दिया जाएगा. दोनों योजना में एक बुनियादी फर्क यह है कि रघुवर की योजना के तहत बच्ची के जन्म से लाभ मिलना शुरु हो जाता था लेकिन हेमंत की योजना का लाभ तब मिलेगा जब बच्ची 8वीं कक्षा में नामांकन लेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details