रांची:झारखंड में राजनीति का केंद्र बिंदू मानी जाने वाली संथाल परगना के 6 जिलों देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका और जामताड़ा में राज्य की18 विधानसभा सीटें पर 2014 के चुनाव में बीजेपी ने 7, जेएमएम ने 6, कांग्रेस ने 3 और जेवीएम ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन 2019 में जेएमएम की आंधी ने पूरी तरह उलटफेर कर दिया है.
हेमंत ने बहाई उल्टी गंगा
2019 के चुनाव में संथाल परगना से बीजेपी केवल 4 सीटें ही बचा पाई है जबकि जेएमएम ने 9, कांग्रेस ने 4 और जेवीएम केवल पौड़ैयाहाट को बचा पाई है. महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे हेमंत सोरेन ने संथाल के दो सीटों बरहेट और दुमका से चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज कर झारखंड की राजनीति में नया इतिहास लिखा है. हेमंत सोरेन की यह जीत इसलिए भी चर्चा का विषय है क्योंकि 2014 के चुनाव में बीजेपी की लुईस मरांडी ने दुमका से हेमंत को पटखनी दी थी वहीं बरहेट से जीतकर हेमंत किसी तरह जेएमएम की नाक बचा पाए थे लेकिन इस बार हेमंत ने उल्टी गंगा बहा दी है.
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