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झारखंड में ऑनलाइन माध्यम से मिलेगा बालू, पोर्टल पर जमा करना होगा पैसा - झारखंड विधानसभा खबर

Sand will be sold online in Jharkhand
Sand will be sold online in Jharkhand

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Published : Mar 23, 2021, 6:59 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 8:14 PM IST

20:04 March 23

झारखंड में ऑनलाइन माध्यम से मिलेगा बालू

रांची: झारखंड में आनलाइन माध्यम से जरुरतमंदों के घर पहुंचेगा बालू. इसके लिए पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से पैसा जमा करना होगा. करीब 785 रु प्रति 100 CFT और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के आधार पर सभी के घर बालू पहुंचाया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के समापन के दिन इसकी घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि बार-बार बालू की चोरी और लूट की बातें सुनकर मानसिक रूप से तकलीफ होती थी. बार-बार सुनने को मिल रहा था कि पुलिस वाले ट्रैक्टर पकड़ लेते हैं. चोरी को रोकने के लिए ही ट्रैक्टर से बालू ढुलाई का निर्देश दिया गया था, लेकिन ट्रक वाले हवा देने लगे. अगर ट्रक से बालू ढुलाई की छूट नहीं दी जाती तो कोई ट्रैक्टर में बालू भर कर दूसरे राज्य में नहीं ले जा पाता. अब इस व्यवस्था का सरकार ने हल निकाल लिया है. अब ऑनलाइन माध्यम से लोगों के घर बालू पहुंचेगा.

सरकार ने ऑनलाइन तरीके से बालू पहुंचाने का फैसला लिया है. ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को भी डिस्टेंस के आधार पर तय किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने भानु प्रताप शाही को कहा कि वह उनके सुझाव के साथ हैं. अगर भवनाथपुर में कोई सीमेंट प्लांट स्थापित करना चाहता है तो वह व्यापारी को लेकर आएं, उसे सरकार हर तरह की मदद देगी. 

20:04 March 23

वित्त रहित शिक्षण संस्थानों का अधिग्रहण संभव नहीं

मंत्री मिथिलेश ठाकुर

झारखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी इलाकों में संचालित वित्त रहित शिक्षण संस्थानों का वित्त सहित शिक्षण संस्थान के रूप में अधिग्रहण संभव नहीं है.  झामुमो विधायक सुमिर कुमार मोहंती ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया. उन्होंने कहा कि विकट परिस्थिति में लोग वित्त रहित संस्थानों का संचालन कर रहे हैं. इसलिए उनका अधिग्रहण होना चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. झारखंड में वित्त रहित शिक्षण संस्थान सैकड़ों की संख्या में हैं. इनके अधिग्रहण का विचार नहीं है. भानु प्रताप शाही ने कहा  कि वित्त रहित शिक्षण संस्थानों का ग्रांट कम  कर दिया गया है, उसे देना तो शुरू करना चाहिए. जवाब में प्रभारी मंत्री ने कहा कि 2015 की संशोधित नियमावली के आधार पर वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को ग्रांट दिया जाता है. यह मांग बहुत पुरानी है और वित्त रहित शिक्षण संस्थान के परफॉर्मेंस के आधार पर ग्रांट भी दिया जाता है. इसलिए कोई विशेष सुविधा देने का विचार सरकार के पास नहीं है.

20:03 March 23

प्लस टू स्कूलों में नहीं हैं जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने वाले शिक्षक

विधायक बंधु तिर्की

झारखंड के स्कूलों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों के पद खाली रहने से बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा नहीं मिल पा रही है. विधायक बंधु तिर्की ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया. भारत सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि राज्य विश्वविद्यालय के पीछे विभाग में संचालित 9 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के विभाग में केवल 2 स्थाई शिक्षक ही है जबकि राज्य के 14 कॉलेजों में मात्र 30 स्थाई शिक्षक हैं. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह बात सही है कि राज्य के प्लस 2 विद्यालयों में बिना शिक्षक के ही जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई होती है. जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं को पढ़ाने के लिए कुल 466 शिक्षक नियुक्त हैं. जो कमियां हैं उसपर विचार होगा. 

20:03 March 23

सदन में उठा लैंड पुलिंग का मामला

बीजेपी विधायक अमर बाउरी

सीएनटी एसपीटी एक्ट को लेकर झारखंड में हमेशा से विवाद होता रहा है हालांकि आजादी से पहले इस बने कानून में कई बार संशोधन किए गए लेकिन पिछली रघुवर दास की सरकार में सरलीकरण का मुद्दा जो उठा उस बात को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था. आखिरकार रघुवर दास की सरकार पुनः दोबारा सत्ता में नहीं आ पाई आज फिर एक बार हेमंत सोरेन की सरकार लैंड पुलिंग के तहत शहर के आसपास की जमीन को डेवलप करने की मंशा बना रही है.

20:03 March 23

अधिकारियों की वजह से लोगों को हो रही दिक्कत

बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन अंचल में हो रहे जमीन से जुड़े मामले को लेकर विपक्षी दलों ने आवाज उठाई. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में कहा कि जमीन से जुड़े कई ऐसे मामले हैं जिस पर अंचल अधिकारी जमीन के मालिकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं. बीजेपी विधायक ने कहा कि पूरे प्रदेश में जमीन को लेकर कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें अंचल अधिकारियों के द्वारा जमीन के मालिकों के साथ व्यवहार जैसे मामले हैं. कई ऐसे मामलों में अंचल अधिकारियों की कोताही के कारण जमीन मालिकों को खामियाजा भुगतना पड़ता है. आजादी के बाद से अब तक कई ऐसे मामले हैं जिन पर त्रुटियां हैं लेकिन अंचल अधिकारी उसमें सुधार नहीं कर रहे.

18:55 March 23

नहीं निकलेगा सरहुल और रामनवमी का जुलूस

झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बातों से यह स्पष्ट हो गया है कि इस साल झारखंड में सरहुल और रामनवमी का जुलूस नहीं निकलेगा. बजट सत्र के समापन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर से संक्रमण बढ़ रहा है. रांची और जमशेदपुर में ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसको लेकर सरकार गंभीर है.  इसी वजह से झारखंड में अब तक जुलूस और भीड़ भाड़ पर रोक जारी है. ताजा हालात को देखते हुए आज ही आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है. जरूरी है इसलिए जरूरी है कि हालात नियंत्रण में आने तक भीड़ भाड़ पर रोक लगा रहे.

Last Updated : Mar 23, 2021, 8:14 PM IST

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