रांची: होली के मौके पर झारखंड में करोड़ों के शराब लोग गटक जाते हैं. इस साल यह आंकड़ा अरब में जाने की संभावना है. कोरोना का भय समाप्त होते ही इस बार होली को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर है. ऐसे में शराब बिक्री से जहां राज्य सरकार को भारी भरकम राजस्व प्राप्त होने की संभावना है, वहीं शराब दुकानदारों की भी बल्ले बल्ले है.
Sale of Liquor on Holi: होली के मौके पर जमकर हो रही है खरीदारी, 250 करोड़ से अधिक की शराब गटक जाते हैं झारखंड के लोग - होली पर शराब का कारोबार
होली को लेकर झारखंड में जमकर शराब की खरीदारी हो रही है. होली के मौके पर दो दिनों में 250 करोड़ से अधिक के शराब की खपत होने की संभावना जताई जा रही है.
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खुदरा शराब विक्रेता संघ के प्रदेश महासचिव सुबोध जायसवाल का मानना है कि शराब बिक्री के लिहाज से होली महापर्व माना जाता है जिसमें इस बार लोगों का उत्साह देखते हुए अंदाजा यह है कि 6 और 7 मार्च को होने वाली शराब बिक्री करीब 250 करोड़ की होगी जो सालभर में प्रतिदिन होने वाले बिक्री में सबसे ज्यादा होगा. गौरतलब है कि सामान्य दिनों में झारखंड में औसतन 10 करोड़ की बिक्री होती है. इस लिहाज से दो दिन में औसतन 125 करोड़ की बिक्री शराब से होगी.
8 मार्च को होली के दिन होगा ड्राई डे:होली के दिन 8 मार्च को ड्राई डे रहेगा. उत्पाद विभाग के द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके तहत राज्यभर के सभी शराब दुकानें बंद रहेंगी और शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किया गया है. इस वजह से होलियाना मूड में आ गए लोग पहले से ही शराब स्टोर करने में जुटे हैं. शराब दुकानों पर भीड़ लगी है और लोग इस रंगोत्सव को खास बनाने की तैयारी में हैं. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो होली से दो दिन पहले राज्य में करीब 178 करोड़ की बिक्री हुई थी. हालांकि 2020 और 2021 में कोरोना की वजह से होली का रंग फीका रहा और बिक्री भी प्रभावित हुई. बात यदि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे मौके पर ड्राई डे से पहले होने वाले शराब की बिक्री की तो सामान्य दिनों की तरह राज्यभर में करीब 8 करोड़ के करीब रहता है.
बिहार से सटे झारखंड के जिलों में बिक्री होती है जबर्दस्त:बिहार में शराबबंदी होने की वजह से होली के मौके पर बिहार से सटे झारखंड के जिलों में शराब की जबरदस्त बिक्री होती है. उत्पाद विभाग कोडरमा, गिरीडीह, देवघर, साहिबगंज, पलामू, गढवा जैसे जिलों में शराब की बिक्री से भारी भरकम राजस्व की उगाही करता है. हालांकि बंगाल में टैक्स कम होने के कारण सस्ती शराब का फायदा झारखंड के लोग भी उठाते हैं. इन सबके बीच राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में करीब 2400 करोड़ रुपये शराब बेचकर कमाने का लक्ष्य रखा है. जिसमें फरवरी तक 1700 करोड़ की कमाई करने में सरकार सफल हुई है.