रांची:भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस वालों पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार को फिर कार्रवाई (ACB action on corruption)की है. ताजा मामला रांची के सदर पश्चिमी अंचल कार्यालय का है, यहां के कार्यालय के मुंशी राकेश कुमार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
चर्चा है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के निशाने पर सदर पश्चिमी अंचल के पुलिस निरीक्षक मोहन पांडेय थे, लेकिन वे एसीबी टीम के पहुंचने के पहले ही वहां से निकलने में सफल हो गए थे.
ये भी पढ़ें-पलामू के लोक सेवक सबसे भ्रष्ट या जनता ज्यादा जागरूक! एसीबी की कार्रवाई में जिला अव्वल
क्या है पूरा मामला
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के एसपी मणिलाल मंडल ने बताया कि परिवादी राजेंद्र जो रांची के पिठोरिया इलाके के रहने वाले हैं, उन्होंने एसीबी को बताया था कि 22 जनवरी को उन पर जानलेवा हमला हुआ था, इस हमले में वे बुरी तरह घायल हुए थे. घटना को लेकर पिठोरिया थाने में उनकी पत्नी रीमा देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन आरोपी पक्ष ने पुलिस से मिलकर थाने में उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करा दी.
राजेंद्र का आरोप है कि पुलिस निरीक्षक मोहन पांडे केस में से धारा 307 हटाने के लिए मुंशी राकेश कुमार के माध्यम से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे. राजेंद्र कुमार के आरोप को एसीबी की टीम ने जांच में सही पाया, इसके बाद यह कार्रवाई की.
मोहन पांडेय पर कार्रवाई तय
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के पहुंचने के पहले ही इंस्पेक्टर मोहन पांडे अपने चैंबर से निकल गए थे. लेकिन उन पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है. गिरफ्तार मुंशी राकेश ने एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के सामने यह स्वीकार किया है कि इंस्पेक्टर के कहने पर ही वह राजेंद्र से पैसे ले रहा था.