रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भाजपा के विधायकों ने सदन के बाहर विधि व्यवस्था की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं सत्ताधारी दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर शुक्रवार को प्रस्तावित प्रदर्शन सोमवार तक के लिए टाल दिया.
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मणिपुर में आदिवासी कुकी समुदाय के महिलाओं के साथ हुई घटना का विरोध करने की योजना बनी थी. कांग्रेस विधायक दल और सत्ताधारी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले सत्ताधारी दल के सभी विधायक मणिपुर हिंसा के विरोध में प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन को एक रणनीति के तहत टालने की जानकारी देते हुए कांग्रेसी विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि आज सत्र का पहला दिन है, शोक प्रस्ताव के बाद सदन स्थगित हो जाएगा. अंबा प्रसाद ने कहा कि अब रणनीति बनी है कि सदन के बाहर मणिपुर की घटना पर प्रदर्शन के बाद सदन के अंदर मणिपुर पर चर्चा भी हो, इसलिए अब सोमवार को यह कार्यक्रम होगा.
भाजपा नेताओं के हाथों में मणिपुर का बैनर क्यों नहीं- चंपई सोरेनः झारखंड सरकार में परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य में कोई भी घटना होती है तो सरकार तत्काल कार्रवाई करती है. उन्होंने कहा कि कौन सा राज्य है जहां घटनाएं नहीं घटती. राज्य की सरकार तत्काल एक्शन लेती है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा पर भाजपा क्यों चुप है?
जो विधेयक राजभवन से लौटाएं गए हैं उन्हें दोबारा भेजने की तैयारीः वहीं कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि भाजपा के विधायक अपनी भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन उन्हें यह देखना चाहिए कि घटना के बाद किस तरह से एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है और सदन के बाहर भी प्रदर्शन होगा.
बता दें कि झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन सुभाष मुंडा की हत्या और प्रदेश में गिरती विधि व्यवस्था को लेकर भाजपा के विधायकों ने तख्ती बैनर के साथ प्रदर्शन किया. वहीं एक रणनीति के तहत सत्ताधारी दल ने मणिपुर के मुद्दे पर शुक्रवार को होने वाले प्रदर्शन को सोमवार के लिए टाल दिया गया है.