रांची:आरयू ने अब जूम एप के जरिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन पठन-पाठन नहीं कराने का निर्णय लिया है. इस एप में कई तकनीकी त्रुटियों के अलावा, कई खामियां भी निकल कर सामने आई हैं. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय की ओर से ऐसा निर्णय लिया गया है. वहीं राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने भी सरकारी स्कूल प्रबंधकों को अपने माध्यम से कई दिशा निर्देश जारी किया है.
ऑनलाइन क्लास लेने की तैयारी
कुछ दिन पहले ही रांची विश्वविद्यालय की ओर से जूम एप से ऑनलाइन क्लास लेने को लेकर तैयारी की गई थी. हालांकि अब इस एप से आरयू कक्षाएं संचालित नहीं करेगी. इस एप में कई खामियां हैं और हैकर्स आसानी से इस ऐप के जरिए डाटा चोरी करने में सक्षम हैं. इन तमाम परेशानियों को देखते हुए रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस एप से कक्षाएं संचालित न करने का फैसला लिया है.
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देश के अन्य विश्वविद्यालयों ने पाई थी खामियां
कुछ दिन पूर्व देश के अन्य विश्वविद्यालय में जूम एप से ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान अश्लील सामग्रियां एड के तौर पर दिखाए जाने की शिकायत मिली थी और जूम एप की कमियों के बारे में भी एक रिसर्च के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को जानकारी मिली है. पहले से संचालित ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी. विश्वविद्यालय पहले से संचालित ऑनलाइन पठन-पाठन को संचालित रखेगी. आरयू के पास ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए अपनी खुद की वेबसाइट है और रेडियो के जरिए भी विद्यार्थियों तक सामग्री आसानी से मुहैया करवा रही है. ऐसे में इस एप की विश्वविद्यालय को कोई जरूरत नहीं है.
शिक्षा विभाग का निर्णय
सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन और सेशन लेट न हो, इसे देखते हुए विभागीय सचिव ने सभी जिलों को एक पत्र भेजा है. उस पत्र के माध्यम से कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद विद्यालय खुलने पर नुकसान हुए पठन-पाठन की भरपाई करने को लेकर 1 घंटे की अतिरिक्त पढ़ाई होगी. वहीं, निजी स्कूल और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के बीच अभी भी विचार-विमर्श का दौर जारी है. लॉकडाउन के दौरान आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से निजी स्कूलों से फीस माफ करने की अपील लगातार विभाग की ओर से की जा रही है, जबकि अभिभावक संघ ने भी शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर स्कूल प्रबंधकों को आदेश देने का इस संबंध में आग्रह किया है.
सीबीएसई स्कूल नहीं लेगी एक महीने का बस भाड़ा
ऐसी सूचना मिल रही है कि शिक्षा मंत्री की अपील के बाद रांची के सीबीएसई स्कूल संचालकों ने एक महीने का बस किराया नहीं लेने का निर्णय लिया है. स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को इसे लेकर दबाव नहीं बनाएंगे. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने यह निर्णय लिया है कि लॉकडाउन के बाद स्कूलों में गर्मी की छुट्टी से जुड़ी अधिसूचना जारी करेगी. लॉकडाउन के बाद सरकारी स्कूलों में गर्मी छुट्टी दे दी जाएगी. कहा गया है कि अगर 3 मई के बाद भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ी तब ही यह निर्णय लिया जा सकेगा और उसी अवधि के साथ ग्रीष्मकालीन छुट्टी भी शामिल कर दिया जाएगा. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने तमाम सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को इससे जुड़े कई दिशा निर्देश जारी किये हैं.