बयान देते झारखंड राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय. रांची: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद फिर एक बार लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की बैठक होने की संभावना है. बहुत संभव है कि अब राज्यवार लोकसभा सीट शेयरिंग के मुद्दे पर INDIA दलों के नेता आपस में बैठ कर सहमति बनाएं. ऐसे में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड के 14 लोकसभा सीट में से 04 लोकसभा सीट पर फिर एक बार दावेदारी पेश कर प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दिया है. इस बार झारखंड राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने साफ शब्दों में कहा कि पलामू,चतरा, कोडरमा और गोड्डा सीट पर उनकी दावेदारी है और इसकी पर्याप्त वजहें भी उन्होंने बताई हैं.
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चतरा से पांच बार हमारा सांसद रहा है, पलामू भी है समाजवादियों का- संजय सिंह यादव:राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को लोकसभा सीटों के नाम और उस पर राजद की दावेदारी की वजह के साथ रिपोर्ट भेजी गई है. उन्होंने कहा कि जब हमारे शीर्षस्थ नेता INDIA दलों के साथ सीट शेयरिंग को लेकर आपस में बैठेंगे तब राज्य की ओर से सर्वसम्मति से जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा गया है, उस प्रस्ताव के साथ हमारे नेता बात करेंगे. राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चतरा और पलामू राजद का जनाधार क्षेत्र है. लगातार इन दो लोकसभा क्षेत्र से जीतते रहने का हवाला देते हुए संजय सिंह यादव ने कहा कि चतरा से पांच बार हमारे सांसद रहे हैं. पलामू भी सोशलिस्ट का गढ़ रहा है. राजद नेता ने पलामू और चतरा लोकसभा सीट से पक्का चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि अपने केंद्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चार लोकसभा सीट पलामू,चतरा, कोडरमा और गोड्डा से राजद की उम्मीदवारी का प्रस्ताव भेजा है.
बिहार से सटे बॉर्डर इलाके में राजद मजबूत, हमारे कार्यकर्ता भी हैं तैयार- सत्यानंद भोक्ता: राजद कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पलामू, चतरा, देवघर, कोडरमा सहित बिहार से सटे झारखंड के विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में राजद की अच्छी पकड़ और जनाधार है. खुद भी चतरा लोकसभा क्षेत्र से किस्मत आजमाने की इच्छा रखने वाले मंत्री कहते हैं कि राजद के कार्यकर्ता लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए तैयार बैठे हैं.
इंडिया गठबंधन मजबूत, दूसरी या तीसरी पंक्ति के नेताओं के बयान पर ध्यान ना दें- झामुमो:झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया के सहयोगी दलों में ही एक-दूसरे पर दवाब बनाने की प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री स्तर के राज्य स्तरीय नेता एक दूसरे के स्वभाविक सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन राज्य में सत्ता की बागडोर मुख्य रूप से संभाल रहे दल को लगता है समय आने पर सबकुछ ठीक हो जाएगा, क्योंकि INDIA का गठन ही बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हुआ है. झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि दूसरे और तीसरे दर्जे के नेताओं के बयान पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
2019 में राजद ने चतरा से खड़ा किया था उम्मीदवार, कांग्रेस को हार का करना पड़ा था सामना:वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में तीन दल झामुमो, कांग्रेस और राजद शामिल थे. भाजपा विरोधी वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए तब कांग्रेस ने अपने कोटे में से दो लोकसभा सीट कोडरमा और गोड्डा बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा को दे दी थी. 2019 में राजद को महागठबंधन में सिर्फ एक लोकसभा सीट पलामू मिला था. बावजूद इसके उसने चतरा से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज यादव के मुकाबले में लालू प्रसाद के बेहद करीबी सुभाष यादव को उम्मीदवार बना दिया था.नतीजा यह हुआ कि चतरा लोकसभा सीट से तब भाजपा उम्मीदवार सुनील सिंह की बड़े अंतर से जीत हुई थी और कांग्रेस-राजद दोनों के उम्मीदवार को करारी हार का सामना करना पड़ा था.
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राजद फिर से पलामू-चतरा के साथ-साथ कोडरमा-गोड्डा लोकसभा सीट पर ठोक रहा है दावा: राष्ट्रीय जनता दल 2024 में होनेवाले लोकसभा आम चुनाव में भी पलामू के साथ-साथ चतरा, कोडरमा और गोड्डा लोकसभा सीट के लिए दावेदारी ठोक दिया है. राजद के प्रदेश स्तरीय नेताओं की दलील है कि पिछले चुनाव में जिन दो लोकसभा सीट कोडरमा और गोड्डा को बाबूलाल मरांडी के लिए छोड़ा गया था, उस पर स्वभाविक हक राजद का बनता है, क्योंकि कोडरमा और गोड्डा जिले में राजद का बड़ा जनाधार है. यह बात सभी सहयोगी दलों को समझना चाहिए.