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कविता संग्रह 'सिर्फ एक बार आ जाओ' का लोकार्पण, रिम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन के एचओडी की है किताब - रांची न्यूज

रिम्स के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. चंद्रशेखर की किताब का लोकार्पण हुआ. उनकी किताब में 101 कविताओं का संग्रह है.

RIMS Forensic Medicine HOD poetry collection Sirf Ekbar Aa Jao launched
RIMS Forensic Medicine HOD poetry collection Sirf Ekbar Aa Jao launched

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Published : May 18, 2023, 7:18 AM IST

Updated : May 18, 2023, 7:31 AM IST

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रांचीः आज की तारीख में जब अक्सर चिकित्सकों पर यह आरोप लगता रहता हो कि वह निजी प्रैक्टिस और अन्य भौतिक सुख सुविधाओं को पाने की होड़ में लगे होते हैं. रिम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी ने एक-एक कर 101 कविताएं लिख डाली. इन्हीं कविताओं को एक सूत्र में पिरो कर तैयार की गई किताब 'सिर्फ एक बार आ जाओ' का विमोचन IMA भवन में किया गया. लोकार्पण कार्यक्रम में IMA के पूर्व अध्यक्ष और प्रख्यात सर्जन डॉ एसएन चौधरी, प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सुषमा प्रिया, रांची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की डॉ कुमुद कला मेहता, आईएमए के अध्यक्ष डॉ शेखर चौधरी काजल, मध्यस्थता की प्रख्यात अधिवक्ता नीलम शेखर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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1993 में लिखी थी पहली कविताःडॉक्टर्स जैसे प्रोफेशन में रहकर समाज, परिवार, देश और दुनिया के हालात पर कविता लिखना कोई सामान्य काम नहीं है. यह कितना कठिन है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डॉ चंद्रशेखर ने अपनी पहली कविता आज से 30 वर्ष पहले 1993 में लिखी थी. फॉरेंसिक साइंस के डॉक्टर्स ने अपनी पहली कविता बंजर होती मिट्टी, गंगा में प्रदूषण, समाज में बढ़ती धोखाधड़ी जैसे ज्वलंत मुद्दों को केंद्र में रखकर लिखा था. कविता संग्रह के लोकार्पण के बाद डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि कविता लिखना कठिन तो है, लेकिन जब आप समाज से जुड़ते हैं और आप में समाज, परिवार, देश दुनिया के प्रति दायित्व का बोध होता है तो मां सरस्वती की कृपा से अपने अंदर कुछ भावनाएं आती हैं जो कविता का रूप ले लेती हैं.

पांच साल पहले लिखी 'बोलना जरूरी है': रिम्स में पोस्टमार्टम विभाग के हेड डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि वर्तमान में हालात ठीक नहीं हैं. कोई बोलना ही नहीं चाहता. इसलिए पांच साल पहले एक कविता लिखी कि 'बोलना जरूरी है' आज कोई कुछ बोलता ही नहीं, सभी ने चुप रहने को ही अपनी नियति समझ लिया है. ऐसे में कौन सही को सही और गलत को गलत बोलेगा, इसलिए हमने एक कविता लिखी 'बोलना जरूरी है'. यह कविता काफी लोकप्रिय हुई है और आज भी ज्यादातर वक्ताओं ने उसका पाठ किया है.

एक डॉक्टर द्वारा लिखी कविताओं के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने आए बुद्धिजीवियों ने कहा कि डॉ चंद्रशेखर जो फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के हेड होते हुए भी कितना कोमल हृदय वाले डॉक्टर हैं यह उनकी लेखनी से झलकती है. बिहार के सहरसा जिले में जन्म लेने वाले डॉ चंद्रशेखर डॉक्टरी के प्रोफेशन में आकर भी न गांव को भूलें हैं न उस माटी को जहां उनका बचपन बीता है. देश की ज्वलंत समस्याओं पर भी उनकी पैनी नजर रहती है. यह उनकी कविता से पता चलता है.

Last Updated : May 18, 2023, 7:31 AM IST

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