रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सुविधाएं बढ़ने का नाम नहीं ले रहीं हैं. डॉयनमिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट फेल हो गया है. नतीजतन जमीन पर मरीज का इलाज जारी है. ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स के हालात जाने तो फिर यह कड़वी सच्चाई सामने आई. जमशेदपुर से मरीज के साथ आईं सीता मुंडा ने बताया कि पानी जैसी बुनियादी सुविधा भी मरीज को नहीं मिल पा रही है.
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मालूम हो कि पिछले दिनों अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी निर्देश दिया था कि जिस मरीज को संबंधित विभाग में बेड नहीं मिल पा रहा है, वैसे मरीज को डॉयनमिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट के तहत दूसरे विभाग में शिफ्ट किया जाए ताकि जरूरतमंद मरीजों को तुरंत बेड मिल सके और डॉक्टर को भी मरीज का इलाज करने में राहत हो.
बता दें कि जमीन पर लिटा कर इलाज के अधिक मामले न्यूरो विभाग में सामने आते हैं. इसकी वजह ये बताई जाती है कि न्यूरो विभाग में मरीज को भर्ती करने की क्षमता करीब डेढ़ सौ है लेकिन विभाग में 300 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में प्रबंधन के लिए बेड मुहैया कराना आसान नहीं रह जाता, जिस कारण जमीन पर मरीज को लिटा कर इलाज कराया जाता है.
रिम्स का डॉयनामिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट फेल इस मामले में रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा का कहना है कि डॉयनमिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट लागू है, उसके बावजूद भी मरीजों की संख्या कुछ विभागों में अत्यधिक है जिस वजह से डायनेमिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट लागू होने के बावजूद भी मरीज को कई बार जमीन पर लिटाना पड़ता है.
रिम्स का डॉयनामिक सिस्टम ऑफ बेड मैनेजमेंट फेल