रांची:राजधानी का रिम्स अस्पताल में गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं और यहां के चिकित्सक उनके लिए किसी देवता से कम नहीं जो अपनों को मौत के मुंह में जाते हुए देख रहे थे. लेकिन डॉक्टर ने उनकी मदद की और उनके अपनों को मौत के मुंह से खींच लाया.
धरती के भगवान हैं रिम्स के डॉक्टर बच्ची को भाग गए थे माता-पिता
दरअसल 29 अगस्त को उसे इलाज के लिए पीएमसीएच धनबाद से रेफर करने के बाद रिम्स लाया गया था. उसकी स्थिति तब इतनी नाजुक थी कि देखकर नहीं लग रहा था कि वह बच सकेगी. क्योंकि बच्ची की आंत में गंभीर समस्या थी, साथ साथ तीन दिन के इलाज के बाद वह कोरोना पॉजिटिव हो गई. जिसके बाद उसके परिजन उसके बचने का आस छोड़ अस्पताल से भाग कर वापस अपने घर चले गए थे. माता-पिता के भागने के बाद रिम्स के प्रबंधन एवं चिकित्सकों ने बच्ची की जिम्मेदारी लेते हुए उसका इलाज किया और उसे एक नया जीवन दिया.
रिम्स के चिकित्सक का धन्यवाद
रिम्स के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग से बुधवार को उस बच्ची को छुट्टी दे दी गई जिसे उसके माता-पिता 29 अगस्त को अकेला छोड़ भाग गए थे. अपने बच्चे के बचने की उम्मीद को छोड़ चुके परिजनों ने बुधवार को देर शाम रिम्स अस्पताल से जाते-जाते डॉ अभिषेक रंजन को भगवान का दर्जा देते गए. मौत के मुंह से निकाल कर 25 दिन की मासूम को नया जीवन देने वाले डॉ अभिषेक रंजन का परिजनों ने आभार व्यक्त किया. डॉ अभिषेक रंजन ने बताया कि बच्ची की स्थिति में काफी सुधार है, सर्जरी के बाद से उसका वजन भी बढ़ना शुरू हो गया है. बच्ची के चेहरे में अलग तरह की रौनक आ गई है.
मिला माता-पिता का प्यार
बुधवार को वह 25 दिन की हो गई और स्वस्थ होने के बाद उसे दोबारा अपने माता-पिता का प्यार मिल गया. बुधवार सुबह दादा-दादी अस्पताल से छुट्टी कराकर उसे पलामू के विश्रामपुर थाना अंतर्गत लालगढ़ स्थित घर में ले गए.
इसे भी पढ़ें-रांची: स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया वेब पोर्टल, कोरोना संक्रमित मरीजों को मिलेगी सुविधाओं की जानकारी
3 महीने बाद होगी एक और सर्जरी
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ अभिषेक रंजन ने बताया कि बच्ची को रूटीन चेकअप के लिए एक महीने के बाद वापस बुलाया गया है. स्थिति बिल्कुल सामान्य है, हालांकि इतनी कम उम्र में जटिल सर्जरी की नौबत आई, इस वजह से उसका रूटीन चेकअप बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि तीन महीने के बाद एक और ऑपरेशन किया जाएगा, जिसके बाद बच्ची को जीवनभर आंत से संबंधित कोई समस्या नहीं होगी.