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Ranchi News: डर के साये में रिम्स परिसर में इंडियन बैंक कर्मचारी! जान जोखिम में डाल आते हैं लोग

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स परिसर में इंडियन बैंक में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इंडियन बैंक का भवन जर्जर हो चुका है और कई बार तो छत और रेलिंग भी टूटकर गिर चुका है.

RIMS campus Indian Bank building in dilapidated condition in Ranchi
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Published : May 4, 2023, 1:00 PM IST

Updated : May 4, 2023, 1:48 PM IST

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रांचीः राजधानी रांची के रिम्स परिसर में सरकार के स्वामित्व वाला इंडियन बैंक 2014 से चल रहा है. रिम्सकर्मियों को बैंकिंग सुविधा के लिए इधर उधर परेशान नहीं होना पड़े और रिम्स पहुंचने वाले रोगियों के परिजनों को भी सुविधा मिले. इसके लिए रिम्स परिसर में इंडियन बैंक की शाखा खोली गयी थी. लोगों को सुविधा तो मिल रही है लेकिन यहां के कर्मी और यहां आने वाले लोग हमेशा जान जोखिम में डालकर यहां आते हैं.

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आज इस बैंक का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. छत का सरिया जंग लगकर सड़ चुका है तो कई बार छत का कुछ भाग टूटकर भी गिरा है. पिछले दिनों बैंक के बरामदे का रेलिंग टूटकर नीचे गिर गया था और एक बैंककर्मी मामूली रूप से घायल हो गए थे. लेकिन इस बाबत कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इससे लोगों की जान पर आफत बनी रहती है.

भवन रिपेयरिंग या नया भवन देने के लिए रिम्स से बैंक प्रबंधन का आग्रहः इंडियन बैंक रिम्स शाखा प्रबंधक माधव पांडेय ने ईटीवी भारत को बताया कि कई बार रिम्स परिसर में दूसरी जगह उपलब्ध कराने या फिर इस भवन को रिपेयर कराने का आग्रह किया जाता रहा है. अभी तक रिम्स प्रबंधन ने भवन रिपेयर तो नहीं कराया उल्टे बैंक के बाहर फुटपाथी दुकानदारों की दुकान लगा दी. बैंक प्रबंधक माधव पांडेय कहते हैं कि रिम्स प्रबंधन अगर जल्द किसी अन्य जगह पर स्थान नहीं देता तो बैंक को रिम्स परिसर से बाहर कहीं शिफ्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने माना कि यहां काम करना जान जोखिम में डालने जैसा है.

क्या, किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा रिम्सः रिम्स परिसर में इंडियन बैंक (पूर्व में इलाहाबाद बैंक) भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. छत का सरिया जंग लगकर सड़ चुका है और छत, रेलिंग आये दिन टूटकर गिरता रहता है. यहां हर दिन सौ से 125 की संख्या ग्राहक बैंकिंग सेवा के लिए पहुंचते हैं. वहीं प्रबंधक और गार्ड मिलाकर 09 बैंककर्मी सेवा देते हैं. बैंक पहुंचे ग्राहक बाबूलाल राम, मो. शफीक ने बताया कि आखिर वह कर क्या सकते हैं, डर तो लगता है, कई बार मैनेजर को भी कहा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में भगवान न करें कोई बड़ी घटना हो गयी तो जिम्मेदार कौन होगा.

इस बाबत रिम्स उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि इंडियन बैंक के जर्जर भवन को लेकर एक बार पूरी जानकारी लेते हैं, फिर उसे दूर करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि रिम्स की व्यवस्था सुधारने, पार्किंग दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है और जल्द ही इस दिशा में भी ठोस पहल की जाएगी.

Last Updated : May 4, 2023, 1:48 PM IST

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