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ब्लैक फंगस के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर, रिम्स को बनाया गया नोडल संस्थान

झारखंड में दिन-प्रतिदिन ब्लैक फंगस बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. इस बीमारी के खतरे को देखते हुए रिम्स को नोडल संस्थान बनाया गया है, ताकि ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके.

treatment of black fungus patients in Riims
ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर रिम्स को बनाया गया नोडल संस्थान

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Published : May 24, 2021, 6:43 AM IST

Updated : May 24, 2021, 7:09 AM IST

रांचीः राज्य में ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे से निपटने को लेकर रिम्स को इलाज के लिए नोडल संस्थान बनाया गया है. इसके साथ ही ब्लैक फंगस की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिले के डीसी और सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि प्रत्येक दिन ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की जानकारी मुहैया कराएं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को पत्र भेज दिया है.

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने सभी जिलों के उपायुक्त और सिविल सर्जन को भेजे पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने सभी राज्यों को ब्लैक फंगस की रिपोर्टिंग की सलाह दी है. भारत सरकार के निर्देश के आलोक में हर दिन शाम 5 बजे तक रिपोर्ट देना सुनिश्चित करेंगे, ताकि ब्लैक फंगस से जुड़ी सभी जानकारी स्वास्थ्य मुख्यालय आईडीएसगी को मिल सके.

राज्य में 27 मरीज
राज्य में अभी ब्लैक फंगस के 27 मरीज हैं. साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है. ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज हो, इसको लेकर रिम्स को नोडल संस्थान बनाया गया है. मरीजों के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाने के साथ साथ न्यूरोलॉजी, ईएनटी, सर्जरी, नेत्र विशेषज्ञ, डेंटिस्ट, न्यूरो सर्जरी की डॉक्टरों की टीम बनाने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि रिम्स सिर्फ ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज ही नहीं करेगा, बल्कि दूसरे संस्थानों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरह काम करेगा. इसके साथ ही दूसरे जिले के रोगियों के इलाज में वहां के डॉक्टरों को जरूरी सलाह भी देगा.

Last Updated : May 24, 2021, 7:09 AM IST

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