रांची: लंबे संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने आखिरकार पंचायत सचिव और जिला समाहरणालय में निम्न वर्गीय लिपिकों की नियुक्ति को लेकर आयोजित की गई परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा इंटरमीडिएट स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2017 के जारी परिणाम में 1542 ग्रामीण विकास विभाग में पंचायत सचिव के पद के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया है. वहीं 667 निम्न वर्गीय लिपिक राज्य भर के समाहरणालयों में नियुक्त किए जाएंगे. हालांकि परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन होना बाकी है. इसके लिए आयोग ने अंतिम अवसर प्रदान की है. इसके बाद कुछ और अभ्यर्थियों की सूची जारी होने की संभावना है.
जेएसएससी ने पंचायत सचिव और निम्न वर्गीय लिपिक परीक्षा का जारी किया परिणाम, जानें कितने अभ्यर्थियों का हुआ चयन - झारखंड न्यूज
अभ्यर्थियों के लंबे संघर्ष और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने पंचायत सचिव और जिला समाहरणालय में निम्न वर्गीय लिपिकों की नियुक्ति को लेकर आयोजित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. कितने अभ्यर्थियों का हुआ चयन जानने के पढ़ें पूरी खबर.
अभ्यर्थियों ने लड़ी थी लंबी कानूनी लड़ाईः दरअसल, परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए छात्र सड़क से लेकर न्यायालय तक सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे. अंत में 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अवमाननावाद की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को राज्य स्तरीय मेधा सूची के आधार पर पंचायत सचिव और निम्न वर्गीय लिपिक के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया था.
वर्ष 2017 में शुरू हुई थी नियुक्ति प्रक्रियाः इंटरमीडिएट स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2017 का विज्ञापन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा 2017 में निकाला गया था. इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 24 जुलाई 2017 तक आमंत्रित किए गए थे. ऑनलाइन आवेदन के पश्चात इसकी लिखित परीक्षा 21 जनवरी 2018, 28 जनवरी 2018 और चार फरवरी 2018 को तीन पालियों में आयोजित की गई थी. जिसमें सफल 7457 अभ्यर्थियों की कौशल परीक्षा और सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन 27 अगस्त 2019 से लेकर सात सितंबर 2019 और चार जनवरी 2021 से छह जनवरी 2021 तक किया गया था. आयोग ने इन तारीखों में अनुपस्थित अभ्यर्थियों को अंतिम अवसर देते हुए 11 सितंबर 2019 और 18 जनवरी 2021 को प्रमाण पत्रों के सत्यापन का अवसर प्रदान किया.
नियुक्ति प्रक्रिया में कई बार फंसा था पेचः इस नियुक्ति प्रक्रिया में काफी पेच फंसता रहा. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा रघुवर सरकार की नियोजन नीति खारिज किए जाने का असर इस नियुक्ति प्रक्रिया पर पड़ी. जिसकी वजह से सरकार ने इस पर रोक लगा दी. इधर, रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग को लेकर छात्र राजभवन से लेकर प्रोजेक्ट भवन की सड़कों पर आंदोलन करते रहे. हाईकोर्ट में न्याय पाने के लिए गुहार लगा रहे छात्रों को वहां राहत जरूर मिली, लेकिन सरकार ने इसे भी अनसुनी कर दी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अभ्यर्थियों ने गुहार लगायी. अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इस परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है.