रांची:बिहार की तरह झारखंड में भी लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को मजबूत करने की कवायद चल रही है. झारखंड में राजद को मजबूत करने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब हर महीने दो दिन झारखंड में प्रवास करेंगे. बीते 11और 12 फरवरी को तेजस्वी यादव ने रांची में रहकर दल को मजबूत करने की रणनीति भी बनाई और मिलन समारोह भी किया, लेकिन इन प्रयासों से संगठन कितना मजबूत होगा यह तो आनेवाले दिनों में पता चलेगा.
RJD in Jharkhand: लालू यादव की पार्टी झारखंड में कैसे होगी मजबूत, प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद राजद में फूटे असंतोष के स्वर - Ranchi News
एक तरफ राजद झारखंड में पार्टी को मजबूत करने की कवायद में जुटी है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद पार्टी के वरीय नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है. निवर्तमान उपाध्यक्ष ने कह दिया कि लालू प्रसाद यादव को अपमानित करने वालों का महिमामंडन हो रहा है. वहीं प्रदेश महासचिव अनिल यादव ने इस्तीफा दे दिया.
प्रदेश कार्यसमिति में जगह नहीं मिलने से नाराज निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष:14 फरवरी को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव की जम्बोजेट प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद पार्टी के निवर्तमान वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव नाराज हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के मिलन समारोह में मंच की बात हो या प्रदेश कार्यसमिति की, उसमें उन लोगों को जगह मिली जो सुप्रीमो लालू प्रसाद को अपमानित करने का काम करते थे. राजेश यादव ने कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद, इलाज के बाद दिल्ली लौट आये हैं. जल्द ही उनके जैसे कई नेता दिल्ली जाकर राज्य की हकीकत से सुप्रीमो को अवगत कराएंगे.
प्रदेश महासचिव अनिल यादव ने दे दिया है इस्तीफा:14 फरवरी को राष्ट्रीय जनता दल की ओर से जम्बोजेट प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद ही नई कार्यसमिति में महासचिव बनाये गए गिरिडीह के अनिल यादव ने व्यक्तिगत कारणों को वजह बताकर महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. अनिल यादव के इस्तीफा में लिखे शब्द को देखें तो उससे नाराजगी साफ झलकती है.
पार्टी में काम करने वालों की जरूरत, बात बनाने वालों की नहीं- संजय सिंह यादव: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने प्रदेश कार्यसमिति के गठन के बाद तेज हुए असंतोष के स्वर और अनिल यादव के इस्तीफे पर अपना पक्ष ईटीवी भारत के सामने रखा. प्रदेश अध्यक्ष ने फोन पर कहा कि अनिल यादव को प्रदेश महासचिव नहीं बनाया गया था. गलती से उनका नाम लिस्ट में छप गया था. वहीं लालू प्रसाद के प्रति समर्पित वरिष्ठ नेताओं को कार्यसमिति में जगह नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बड़ी संख्या में सदस्य बनाये, पार्टी के लिए काम किया, उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में जगह दी गयी है. उन्होंने कहा कि पार्टी में काम करने वालों की जरूरत है, बात बनाने वालों की नहीं.
राजद में तेज हुई खेमेबाजी: बहरहाल, यह तो तय है कि तेजस्वी यादव के रांची में कार्यक्रम और उसके बाद प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के बाद राजद में खेमेबाजी तेज हो गई और यह मामला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सामने भी जाएगा. अब देखना होगा कि इस परिस्थिति में तेजस्वी यादव झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल को कितना मजबूती दे पाते हैं.