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धर्म कोड के लिए मोरहाबादी मैदान में महासम्मेलन की तैयारी, 32 जनजातियों के प्रतिनिधियों ने बनाई रणनीति

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Published : Feb 20, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Feb 21, 2021, 8:53 AM IST

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले 32 जनजातियों के प्रतिनिधियों की बैठक शनिवार को हुई. इस दौरान धार्मिक पहचान और अस्तित्व को लेकर केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कराने को लेकर रणनीति तैयार की गई.

Representatives of 32 tribes met in Ranchi for Sarna Dharma Code
32 जनजातियों के प्रतिनिधियों ने बनाई रणनीति

रांचीःसरना धर्म कोड की मांग को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले 32 जनजातियों के प्रतिनिधियों की बैठक शनिवार को हुई. इस दौरान धार्मिक पहचान और अस्तित्व को लेकर केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कराने को लेकर रणनीति तैयार की गई. साथ ही निर्णय लिया गया कि 21 मार्च को मोरहाबादी मैदान में विशाल महासम्मेलन की रणनीति तैयार की गई. वहीं बैठक में धर्मगुरु बंधन तिग्गा के इलाज में मुख्यमंत्री से सहयोग की अपील की गई.

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बैठक में अभियान का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर करमा उरांव ने कहा कि जब राज्य सरकार सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर रही थी, तब पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने समर्थन किया था. लेकिन लोकसभा में किसी भी सांसद की ओर से सरना धर्म कोड की मांग नहीं उठाई गई. डॉक्टर करमा उरांव ने इस पर आपत्ति जताते हुए रांची से दिल्ली तक उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी.

केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड शामिल करने की मांग
बैठक में डॉक्टर करमा उरांव ने कहा कि 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों को अलग पहचान मिल सके, इसके लिए सभी आदिवासी संगठन एक मंच पर आएं और सरना धर्म कोड की मांग करें. उन्होंने बैठक में मांग की कि केंद्र सरकार आगामी जनसंख्या प्रपत्र में सरना धर्म कोड का कॉलम शामिल करें क्योंकि अब समय बहुत ही कम बचा हुआ है.

Last Updated : Feb 21, 2021, 8:53 AM IST

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