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Ranchi News: रांची के पारस अस्पताल में मरीज के परिजनों ने किया जमकर हंगामा, डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

रांची के पारस अस्पताल में मरीज के परिजनों और करीबियों जमकर हंगामा किया. परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

Relatives of patient created ruckus in hospital
Relatives of patient created ruckus in hospital

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 27, 2023, 6:24 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 6:36 PM IST

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रांची: राजधानी के पारस अस्पताल में रविवार को जमकर हंगामा हुआ. हंगामा कर रहे लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे देने में देरी होने की वजह से मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई है. मरीज की हालत गंभीर है, उसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इलाज में देरी की गई.

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जानकारी मिलते ही कई वकील और झारखंड हाई कोर्ट के कई बड़े पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और विरोध जताया. बात धीरे धीरे बढ़ती चली गई और अस्पताल प्रबंधन एवं वकीलों के बीच जमकर बहस होने लगी. अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर है. उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. जिस पर वकीलों ने कहा कि यदि मरीज की स्थिति गंभीर है तो उन्हें वह दूसरे अस्पताल ले जाएंगे लेकिन उससे पहले उन्हें रेफर कर दिया जाए. रेफर करने की बात पर डॉक्टर ने साफ मना कर दिया. डॉक्टरों ने कहा कि मरीज को रेफर करने में रिस्क है, परिजन रेफर कर दूसरे अस्पताल ले जाते हैं तो मरीज की कभी भी मौत हो सकती है.

वहीं डॉक्टरों की बात को सुनने के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें शक है कि मरीज की मौत हो गई है और अस्पताल प्रबंधन सिर्फ बिल बढ़ाने के लिए वेंटिलेटर पर रखने की बात कह रही है. इसीलिए अस्पताल के डॉक्टर दूसरे अस्पताल में मरीज को रेफर नहीं कर रहे हैं.

लंबे समय तक हंगामा होने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि अगले 8 घंटे के बाद ही कहा जा सकता है कि मरीज को रेफर किया जाए या फिर उन्हें अभी यहीं रखा जाए. जिस पर अस्पताल में मौजूद वकील और परिजनों ने हामी भर दी है और अगले आठ घंटे तक इंतजार किया जा रहा है. वहीं वकीलों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि लगभग एक घंटे तक काउंटर पर पैसा जमा नहीं करने के कारण डॉक्टरों ने मरीज का इलाज नहीं किया, जिस वजह से मरीज की स्थिति बिगड़ गई.

वहीं डॉक्टरों का साफ कहना है कि मरीज के इलाज में कोई लापरवाही बरती नहीं गई है. पारस अस्पताल के डॉ. श्रीवाक्षत ने बताया कि समय से मरीज का इलाज शुरू किया गया है. जब मरीज भर्ती हुए थे, उसी समय परिजनों को कहा गया था कि, उनके बचने की संभावना ना के बराबर है. डॉक्टरों ने कहा कि मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया है. साथ ही यह भी कहा कि परिजनों को कहीं दूसरी जगह ले जाने से कभी भी मना नहीं किया गया है.

Last Updated : Aug 27, 2023, 6:36 PM IST

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