रांची: राज्य के शहरी क्षेत्र में लंबे समय से बने अनाधिकृत बिल्डिंग को नियमितीकरण करने में सरकार जुट गई है. इसके तहत बनाई गई अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना 2022 को सरकार जल्द लागू करने जा रही है. योजना के तहत 21 दिसंबर 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा. इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सोमवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा कंस्ट्रक्शन कार्य से जुड़े विभिन्न संगठनों का सुझाव लिया गया. इस मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि योजना के तहत निर्धारित समय में अनाधिकृत रूप से बने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराई जा सकती है लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद यह सुविधा दूसरी बार उन्हें नहीं मिलेगी. जिस बिल्डिंग का नियमितीकरण नहीं होगा उससे विभाग होल्डिंग और वाटर टैक्स दोगुना दर से वसुला जायेगा.
ये भी पढ़ें-31 दिसंबर 2019 के पूर्व अनाधिकृत रूप से निर्मित भवन होंगे नियमित, सीएम ने दी सहमति
नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग: राजधानी सहित पूरे राज्य भर के विभिन्न शहरों में बने अनाधिकृत निर्मित भवनों के नियमितीकरण को सरल बनाने की मांग उठने लगी है. नगर विकास विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान रांची सांसद संजय सेठ, रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, क्रेडाई के अध्यक्ष कुमुद झा, चेंबर ऑफ कॉमर्स के किशोर मंत्री सहित अन्य लोगों ने सरकार से सरल नियम बनाने का आग्रह किया. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अवैध रूप से बने अपने बिल्डिंग को नियमितीकरण कराने का काम करा सकें.
रांची सांसद संजय सेठ नए भवनों का नक्शा पारित करने की प्रक्रिया आसान करने की मांग करते हुए कहा इसे कोई भी आर्किटेक्ट बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप नक्शा बनाकर वेबसाइट पर अपलोड करने की व्यवस्था होना चाहिए ताकि नागरिक अपना भवन निर्माण करा सकें. नगर विकास विभाग का काम यह देखना है कि नियमावली के अनुसार भवन निर्माण हो. उन्होंने कहा कि रांची के हजारों पुराने भवन मालिकों के पास उनके पुराने नक्शे नहीं हैं जबकि वे लगातार होल्डिंग टैक्स भी दे रहे हैं. नगर निगम के पास उन लोगों का रिकॉर्ड होगा उसे निकालकर उपलब्ध कराएं ताकि नागरिक उनका रेगुलराइजेशन करा सकें. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण नक्शे को पारित करना और रेगुलराइजेशन के काम को धन उगाही और भयादोहन का साधन ना बनाया जाए. अगर कोई बिल्डिंग सरकारी जमीन पर नहीं बना है तो उसे सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर रेगुलराइज करना चाहिए.