रांची:झारखंड में कोरोना अब यमराज का दूसरा नाम बनता जा रहा है. यह वायरस तेजी से लोगों की जिंदगी छीन रहा है. संक्रमण की रफ्तार भी बेकाबू होती दिख रही है. आंकड़े होश उड़ाने वाले हैं. 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 (पूरे एक साल) के बीच झारखंड में कोरोना की वजह से कुल 1113 लोगों की मौत हुई थी. तब मृत्यु दर 0.89 प्रतिशत था. लेकिन 1 अप्रैल 2021 से 14 अप्रैल 2021 के बीच यह वायरस 180 लोगों की जान ले चुका है. यही रफ्तार रही तो मृतकों की संख्या महज तीन माह में दोगुनी हो जाएगी. झारखंड में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां कोरोना की वजह से किसी की मौत न हुई हो. 14 अप्रैल तक सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 380 लोगों की जान गई है. दूसरे नंबर पर रांची है. यहां 330 लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
पहले सप्ताह में मौत की रफ्तार ये भी पढ़ें- झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की फिसली जुबान, उत्तर प्रदेश में करा दिया कुंभ का आयोजन
पहले सप्ताह से ही मौत ने पकड़ी रफ्तार
आंकड़े बता रहे हैं कि 1 अप्रैल से 7 अप्रैल (एक सप्ताह) के बीच जहां 39 लोगों की मौत हुई है वहीं 8 अप्रैल से 14 अप्रैल (एक सप्ताह) के बीच 141 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच एक्टिव मरीजों की संख्या में भी अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ है. 31 मार्च 2021 तक एक्टिव मरीजों की संख्या 2825 थी. लेकिन 1 अप्रैल से 14 अप्रैल (14 दिन) के बीच एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 18524 हो गई है. यानी महज दो सप्ताह में 15,699 मरीजों की संख्या बढ़ी है. इस रफ्तार से साफ है कि अप्रैल के अंत तक मरीजों की संख्या 35000 के पार जा सकती है.
आंकड़े बता रहे हैं कि इस बार का कोरोना बेहद आक्रामक है. भुवनेश्वर के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज से आई लैब रिपोर्ट चिंता पैद कर रहे हैं. 1 जनवरी से 20 मार्च के बीच रांची से 23, जमशेदपुर से 18, हजारीबाग से 4, ईटकी से 5 और पलामू से 2 पॉजिटिव सैंपल भुवनेश्वर भेजा गया था. सभी सैंपल का सीटी वैल्यू 25 से कम था. झारखंड के 39 सैंपल की सिक्वेंसिंग की गई. इनमें 13 लोगों में नए किस्म के म्यूटेंट वेरिएंट सामने आए. इनमें यूके स्ट्रेन और डबल वेरिएंट स्ट्रेन की पहचान हुई.
दूसरे सप्ताह में मौत की रफ्तार अब हो जाएं सतर्क
रांची से तीन सैंपल में डबल वेरिएंट और 8 में यूके वेरिएंट मिला. जबकि जमशेदपुर के 1-1 सैंपल में दोनों वेरिएंट मिले. इससे सरकार की नींद उड़ चुकी है. बहुत जल्द कोविड से जान गंवाने वाले लोगों का आरटीपीसीआर सैंपल सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस, भुवनेश्वर भेजा जाएगा. ताकि नए किस्म का पता चलते ही उसके हिसाब से रणनीति बनाई जा सके. लिहाजा, लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. थोड़ी सी कोताही जिंदगी को मुसीबत में डाल सकती है.