रांची: लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को MY यानि मुस्लिम और यादव की पार्टी की जगह सभी वर्गों यानि A टू Z की पार्टी बनाने की इच्छा तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर व्यक्त की है. लेकिन झारखंड राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी यादव की इच्छा का पालन होता नहीं दिख रहा है. झारखंड राजद में 24 जिलाध्यक्षों में से 13 यानि 50% से ज्यादा सिर्फ यादव जाति से आते हैं.
झारखंड में आरजेडी के परंपरागत वोट और पकड़ वाले मुस्लिमों की हिस्सेदारी को भी नजरअंदाज किया गया है. राज्य के 24 जिलाध्यक्ष में से सिर्फ 02 अल्पसंख्यक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, बाकी के 9 समाज के अन्य वर्गों से हैं. ऐसे में राज्य की राजनीति में पकड़ रखने वाले समाज के कई वर्गों को संगठन में कहीं भी महत्वपूर्ण जगह नहीं मिली है.
प्रदेश प्रभारी से लेकर युवा राजद अध्यक्ष तक ज्यादातर एक ही समुदाय सेः झारखंड में राजद ए टू जेड की पार्टी कितना बन पाया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश राजद के प्रभारी जय प्रकाश नारायण यादव हैं तो प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव, प्रदेश के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव हैं तो युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव हैं. प्रदेश संगठन से लेकर जिला संगठन तक राज्य की राजनीति में एक ही जाति के लोग भरे हैं.
राज्य नेतृत्व को कार्यशैली में करना होगा सुधार- महबूबः रामगढ़ जिला राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष मो. महबूब सिद्दीकी कहते हैं कि उनके नेता की सोच अच्छी है. राज्य में बड़ी राजनीतिक ताकत बनने के लिए जरूरी है कि सभी को साथ लेकर चलें लेकिन प्रदेश नेतृत्व ऐसा नहीं कर रहा है.