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EX CM बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार पर दुष्कर्म का केस, सलाहकार ने कहा-आरोप लगाने वाली लड़की बेटी समान - रांची में दुष्कर्म के केस

EX CM बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार पर दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ है. पीड़िता कॉलेज की छात्रा है और आरोपी के घर खाना बनाती थी. इधर सुनील तिवारी ने आरोप को गलत बताया है.

rape Case on political advisor of EX CM Babulal in Argora police station of Ranchi
आरोपी सुनील तिवारी

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Published : Aug 18, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Aug 18, 2021, 2:19 PM IST

रांचीःझारखंड के राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर दूषित हवा बह रही है. मामला भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सबसे खास कहे जाने वाले सुनील तिवारी से जुड़ा है. खूंटी की रहने वाली एक युवती ने सुनील तिवारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए रांची के अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

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पीड़िता ने कहा- मार्च 2020 में हुई थी घटना

एक पत्रकार के तौर पर अपना करिअर शुरू करने वाले सुनील तिवारी पिछले 25 साल से ज्यादा समय से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नजदीकी हैं. सुनील तिवारी उनके राजनीतिक सलाहकार भी हैं. सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. एक साल पूर्व युवती उनके घर पर काम करती थी. प्राथमिकी में पीड़िता ने उन पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने और विरोध करने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंगलवार को पुलिस ने पीड़िता का न्यायालय में 164 का बयान भी दर्ज करा लिया है.

अरगोड़ा थाने में लिखाई गई एफआईआर


क्या है एफआईआर में

ईटीवी भारत के पास सुनील तिवारी पर दर्ज कराई गई एफआईआर की पूरी कॉपी है. इसमें युवती के बताया है कि वह घरेलू कामकाज करने के साथ कॉलेज जा कर पढ़ाई भी करती थी. उसने बताया कि वह सुनील तिवारी के एजी कॉलोनी स्थित मकान नंबर 81 में खाना बनाती थी. पीड़िता का आरोप है कि सुनील तिवारी का व्यवहार उसके साथ कभी अच्छा नहीं रहा, वह उसे गंदी नजर से देखा करते थे.

प्राथमिकी में पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि मार्च 2020 में रात के करीब 10 बजे सुनील तिवारी शराब के नशे में घर पहुंचे और नशे के हालत में उसके साथ छेड़खानी करने लगे. इसके बाद उसने किसी तरह उनके चंगुल से छूटने की कोशिश की तो उन्होंने मारपीट की. वह सुनील तिवारी के चंगुल से छूट कर किसी तरह छत पर पहुंची तो नशे की हालत में वे वहां भी पहुंच गए. इसके बाद वह भाग नहीं सकी और एक कमरे में बंद कर सुनील तिवारी ने उससे दुष्कर्म किया.

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माफी मांगी, पैसे का दिया लालच

प्राथमिकी में पीड़िता ने बताया है कि दुष्कर्म के दूसरे दिन सुनील तिवारी ने उसे फोन कर उससे माफी मांगी और कहा कि जो कुछ भी हुआ वह नशे की हालत में हुआ. मुझे माफ कर दो, जब पीड़िता उसके सामने गई तो वह उसका पैर पकड़ माफी मांगने लगे और कहा कि तुम यह बात किसी को मत बताना. इसके एवज में तुम्हें जितने पैसे चाहिए वह मैं तुम्हें दूंगा. लेकिन घर पहुंचने पर उसकी नीयत नहीं बदली वह फिर उसके साथ गलत हरकत करने लगा, जिसके बाद वह मौका देख कर सुनील के घर से फरार हो गई.

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डर की वजह से नहीं दर्ज कराई एफआईआर

प्राथमिकी में पीड़िता ने कहा है कि वह सुनील तिवारी के खौफ की वजह से थाने तक नहीं गई और अपने घर वापस भाग गई. उसके परिवार वालों ने उस दौरान भी उससे कहा था कि वह जाकर थाने में शिकायत करे. लेकिन अब उससे नहीं रहा गया तो उसने हिम्मत जुटाई और अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

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मैं बेकसूरः सुनील तिवारी

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी ने इस मामले में खुद को बेकसूर बताया है. सुनील तिवारी के अनुसार जिस युवती ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है वह उनकी बेटी के समान है. उनके घर पर उनकी बेटी की तरह रहती थी, उनकी बेटियों के साथ ट्यूशन भी पढ़ा करती थी और कॉलेज जाया करती थी.

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मुख्यमंत्री से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया, इसलिए फंसाने की साजिशः सुनील तिवारी

सुनील तिवारी ने फोन पर बातचीत में यह भी कहा कि वह राज्य के मुख्यमंत्री से जुड़े एक बड़े मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं. इसी वजह से उन्हें इस तरह के मामलों में फंसाया जा रहा है. सुनील तिवारी के अनुसार उन्होंने झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई आला अधिकारियों को इस संबंध में पहले ही पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी. सुनील तिवारी ने 19 जून 2021 की सुबह 11:45 बजे झारखंड के मुख्य सचिव,डीजीपी सहित तमाम बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा था और अपनी सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने अंदेशा जताया था कि उन्हें किसी मामले में फंसाया जा सकता है.

जांच की जिम्मेदारी डीएसपी बेड़ो को मिली

सुनील तिवारी के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में 16 अगस्त को ही केस दर्ज कर लिया गया था. इस मामले में पुलिस ने बेड़ो डीएसपी को केस का अनुसंधानक बनाया है. पूरा केस अरगोड़ा थाने का है, ऐसे में हटिया डीएसपी को अनुसंधान पदाधिकारी नहीं बनाए जाने पर सवाल भी उठ रहे हैं. यह मामला भी ठीक विधायक खरीद फरोख्त मामले जैसा हो रहा है, जिमसें मामला कोतवाली इलाके का था, लेकिन उस मामले में कोतवाली एएसपी की बजाय सदर डीएसपी को जांच पदाधिकारी बनाया गया.

Last Updated : Aug 18, 2021, 2:19 PM IST

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