रांची: एक फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी. जिसको लेकर सरकार की तरफ से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. नए बजट को लेकर देश की जनता को काफी उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि पुराने बजट की तुलना में इस वर्ष का बजट बेहतर होगा. इस वर्ष के बजट को लेकर महिलाओं को भी काफी उम्मीद हैं. एक फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर महिलाओं ने कहा कि यदि सरकार महिलाओं की समस्या को कम करना चाहती है तो सरकार को किचन के बजट पर विशेष ध्यान देना होगा.
Union Budget 2023: एक फरवरी को निर्मला सीतारमण पेश करेंगी केंद्रीय बजट, जानिए रांची की महिलाओं ने क्या कहा - झारखंड न्यूज
बजट 2023 से देश के हर वर्ग के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. सभी का ध्यान देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर है. वहीं देश की महिलाओं की भी बजट से काफी अपेक्षाएं हैं. खासकर गृहणियों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. इस संदर्भ में ईटीवी भारत ने रांची की कुछ महिलाओं से बजट की उम्मीदों पर बातचीत की. पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..
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क्या कहती हैं गृहणियां
1. इस संबंध में राजधानी के धुर्वा इलाके की रहने वाली अनिमा कुमारी बताती हैं कि जिस तरह से पिछले एक साल से किचन के सामानों के दाम में बढ़ोतरी हुई है उससे महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अनिमा कुमारी ने कहा कि जिस तरह से खाद्य सामग्रियों की कीमत दिन प्रतिदिन महंगी होते जा रही है ऐसे में महिलाओं के लिए किचन चलाना मुश्किल होता जा रहा है.
2. वहीं स्वाति कुमारी बताती हैं कि जब तक केंद्रीय बजट में किचन के समानों के दाम कम नहीं किए जाएंगे, तब तक आम लोगों को जीने में समस्या आती रहेगी. क्योंकि आम लोगों के लिए सबसे जरूरी रसोई का सामान होता है. जब उसमें से पैसे बचते हैं तभी लोग अन्य कार्यों में खर्च कर पाते हैं.
3. दर्पणा सिंह बताती हैं कि आज जिस प्रकार से तेल, दाल, आटा, गैस सिलिंडर दिन प्रतिदिन महंगे होते जा रहे हैं ऐसे में महिलाओं को रसोई चलाने में परेशानी हो रही है. क्योंकि महिलाएं किचन का सामान खरीदने के बाद ही जो पैसे बचते हैं वह अपने घर के दूसरे काम में लगाती हैं या फिर अपने जीवन स्तर को सुधारने में खर्च करती हैं, लेकिन जिस प्रकार से खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में महिलाएं एक भी रुपए जमा नहीं कर पा रही हैं.
4. वहीं रांची की बरियातू निवासी पूजा कुमारी बताती हैं कि किचन के सामान महंगे होने के कारण इसका सीधा असर उनके बच्चों पर पड़ रहा है. क्योंकि महिलाएं जो पैसे किचन के सामान को खरीदने के बाद बचाती हैं, उसी पैसे को बच्चे की पढ़ाई या फिर घर के अन्य कार्यों में खर्च करती हैं, लेकिन जिस तरह किचन के सामन में बढ़ोतरी हुई है ऐसे में महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
5. वहीं इस संबंध में बरियातू की रहने वाली सरीता देवी ने आगामी केंद्रीय बजट को लेकर सरकार से मांग की है कि किचन के बजट को कम किया जाए, ताकि महिलाएं अपने भविष्य के लिए कुछ पैसे जमा कर पाएं और परिवार को मदद कर सकें.
बजट में खाद्य सामग्रियों की कीमतों पर ध्यान रखने की मांगःसभी महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि एक फरवरी को पेश किये जाने वाले बजट में किचन के सामान के दाम को कम करने पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, ताकि देश की आधी आबादी आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें. वहीं कई महिलाओं ने कहा कि जिस तरह से देश में महंगाई बढ़ती जा रही है, ऐसे में आम लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को बजट पेश करने के दौरान ये जरूर सोचना चाहिए कि देश में ज्यादा संख्या मध्यम वर्ग के लोगों की है, ना कि पैसे वालों की. महिलाओं ने कहा कि महंगाई के कारण लोग त्योहार और पर्व नहीं मना पा रहे हैं. यदि महंगाई कम होती है तो निश्चित रूप से आम लोगों को राहत मिलेगी.
डीजल और पेट्रोल के मूल्य पर भी ध्यान देने की मांगः बता दें कि एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी. बजट पर आम आदमी की नजर रहेगी. वहीं पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत से जिस तरह से पूरे साल लोग परेशान रहे, ऐसे में वर्ष 2023 के आम बजट में लोगों को उम्मीदें हैं कि महंगाई से उन्हें राहता मिलेगी. खासकर महिलाओं को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस वर्ष किचन के बजट पर ज्यादा ध्यान देंगी. अब देखने वाली बात होगी कि महिलाओं की उम्मीदें बजट पेश होने के बाद कितनी पूरी होती है या फिर अभी महंगाई की मार से लोगों को जूझना ही पड़ेगा