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'वेस्ट को बेस्ट' बनाता उत्तम का यह जुगाड़, अपने हुनर से घर और बगीचे को बनाया आकर्षक

रांची के उत्तम कुमार कबाड़ में फेंके गए सामानों में कारीगरी कर घर सजाने का सामान तैयार कर रहे हैं. चाहे वो शराब की बोतल हो या कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल उसमें पेंटिंग कर उसे खूबसूरत बनाकर घर और बगीचे को सजाते हैं.

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Published : Jan 12, 2022, 6:18 PM IST

रांची: कबाड़ में फेंके गए वाइन की बोतल, पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतल को जुगाड़ टेक्नोलॉजी से अपने घर के बगीचों को आकर्षक और खूबसूरत तरीके से रांची के उत्तम कुमार ने सजाया है. वेस्ट को बेस्ट बनाते हुए कोरोना काल के इस परेशानी भरे समय को अपने हुनर से सुकून भरा पल बनाया है.

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बोतल में पेंटिंग: उत्तम एक बीयर की कंपनी में काम करते हैं. उनका शौक शराब पीना नहीं शराब की खाली बोतलों को इकट्ठा कर पेंटिंग कर पूरा घर और बगीचा सजाना है. दरअसल, जब कोरोना काल में दुनिया घरों में कैद थी. रांची के रहने वाले उत्तम ने उस समय का सदुपयोग करते हुए वेस्टेज यानी कबाड़ वाले सामानों से अपने घर और बगीचों को इस कदर संवार दिया कि देखने वाले भी दंग रह जाते है. उत्तम कुमार थोड़े दूजे किस्म के चित्रकार हैं. पेंटिंग के लिए ये कैनवास नहीं बल्कि, कबाड़ का इस्तेमाल करते है. लेकिन, जब उसपर इनके कूचे से रंग चढ़ता है. तो वही कबाड़ घर की सजावट के लिए आपकी पहली पसंद हो सकती है.

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रांची के उत्तम कुमार कोल्ड ड्रिंक्स, वाइन और पानी की खाली बोतलों पर पेंटिंग्स तो करते ही हैं. बेकार पड़ी टायरों और टूटे-फूटे डब्बों पर भी इनके हुनर का असर होता है और वह आकर्षक फूलदान का शक्ल अख्तियार कर लेता है. उत्तम कुमार का कहना है फालतू की बोतल और कई ऐसे समान हैं जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. क्यों ना इसे इस्तेमाल कर के पर्यावरण को भी बचाया जाए और अपने घरों को भी सुंदर बनाएं जाए और इसी सोच के तहत आज उत्तम का घर वेस्ट को बेस्ट बनाकर बेहतरीन तरीके से सजाया गया है.

उत्तम कुमार का बगीचा
बचपन से ही था शौक: बचपन से ही उत्तम कुमार का यह शौक दिल में कहीं दबा हुआ था. लॉकडाउन के वक्त खाली समय में पेंटिंग करने की शुरुआत की. उत्तम एक निजी कंपनी (बीयर कंपनी) में मार्केटिंग की जॉब में हैं. नौकरी की जवाबदेही और परिवार की जरूरतों ने पहले इन्हें अपने हुनर को तराशने का वक्त ही नहीं दिया. लेकिन, तीन-चार महीनों में ही इन्होंने अपनी सारी हसरतें पूरी कर ली. घर के बाहर एक खुबसूरत बगिया तैयार है, जिसमें फूलों के साथ-साथ इनके पेंटिंग्स भी मुस्कुरा रहा है.
अपने बगीचे को सजाते उत्तम कुमार



बेटी और पत्नी का मिलता है सपोर्ट:उत्तम अपने शौक और हुनर को आगे भी जिंदा रखना चाहते हैं. लिहाजा, इनकी बेटी महुआ भी पेंटिंग करने में और कबाड़ के सामान को अलग रूप देने में हाथ बंटाती है. उत्तम की पत्नी महिमा दास गुप्ता पहले इस कबाड़ के समान से काफी दुखी होती थी कि सारे बेकार सामान घर में उठा के ले आते हैं. लेकिन अब अगल बगल पड़ोस के लोग घर में बेकार पड़ी चीजों पर पेंटिंग बनाने का भी उत्तम से आग्रह करते हैं.

वेस्ट को बेस्ट बनाकर बगीचे को सजाया

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