रांची: झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. हालांकि, राज्यपाल के निर्देश के बाद धीरे-धीरे इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. रांची विश्वविद्यालय को हाल ही में जेपीएससी की ओर से 151 परमानेंट नए प्रोफेसर मिले हैं. इससे रांची विश्वविद्यालय को राहत मिली है. इसके अलावा 30 टॉपर्स विद्यार्थियों को अनुबंध पर विभिन्न और कॉलेज विभागों में एक वर्ष के लिए पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है.
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राज्यपाल ने दिए हैं नियुक्ति के निर्देश: विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और प्रोफेसरों की कमी को लेकर झारखंड के राज्यपाल सह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने चिंता व्यक्त की है. उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने जेपीएससी को विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति को लेकर आदेश दिया है. बताते चलें कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. रांची विश्वविद्यालय में स्वीकृत पद 1032 हैं लेकिन, 674 पद अभी भी रिक्त है. इसी तरह डीएसपीएमयू के स्वीकृत पद 166 हैं, जिसमें से 111 पद रिक्त है. बिनोवा भावे विश्वविद्यालय में स्वीकृत पद 597 है और इसके विरुद्ध 343 पद रिक्त पड़े हैं. झारखंड के मुख्य विश्वविद्यालयों की यह हालत है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य विश्वविद्यालयों में किस स्थिति में पठन-पाठन हो रहा है. इसी के मद्देनजर राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित बैठक के दौरान उच्च शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाने को लेकर निर्देश दिया था और हाल ही में इसी निर्देश के तहत जेपीएससी की अनुशंसा पर रांची विश्वविद्यालय को 151 असिस्टेंट प्रोफेसर मिले हैं. उनकी नियुक्ति भी रांची विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में की गई है.
30 टॉपर विद्यार्थियों को किया गया नियुक्त: गौरतलब है कि शिक्षकों की कमी को देखते हुए रांची विश्वविद्यालय ने और एक पहल की है. विश्वविद्यालय ने कुलपति के अधिकार क्षेत्र के तहत अपने ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विषयों के 30 टॉपर विद्यार्थियों को एक साल के लिए अनुबंध पर 15000 रुपये के पगार पर नियुक्त किया है. विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार की माने तो विश्वविद्यालय को इससे थोड़ी राहत मिली है. उन्होंने कहा कि क्लासेस सही तरीके से संचालित नहीं हो रही थी. इस समस्या को दूर करने की कोशिश की गई है विद्यार्थियों को इससे राहत जरूर मिलेगी.