रांची: राजधानी रांची में हर महीने औसतन 40 से 45 लोग अपनी जान सड़क हादसों में गवा देते हैं. मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है. आंकड़े बताते हैं कि हेलमेट पहन कर वाहन नहीं चलाने वाले युवा ज्यादातर मौत के आगोश में समा रहे हैं. पुलिस प्रशासन की तरफ से तमाम जागरुकता अभियान के बावजूद ऐसे हादसों में कमी नहीं आ रही है.
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आंकड़े हैं भयवाह, 18 से 35 उम्र के हुए सबसे ज्यादा शिकार: रांची डीटीओ कार्यालय से मिले हादसों के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं. दिसंबर 2022 में कुल 64 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 44 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 38 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए. जनवरी 2023 में 64 हादसे सामने आए, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 35 बुरी तरह से जख्मी हुए. वहीं फरवरी 2023 महीने के पहले पांच दिनों में ही 15 सड़क हादसे सामने आ चुके हैं, जिसमे आठ की मौत हो चुकी है. यानी मात्र 70 दिनों में 93 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवा चुके हैं. आकड़ों के अनुसार सड़क हादसों में मरने वाले सबसे ज्यादा युवा हैं. इनकी उम्र 18 से 30 के बीच है. बिना हेलमेट सवारी, तेज रफ्तार, शराब और ईयर बड्स-हेडफोन का इस्तेमाल हादसों की प्रमुख वजहों में सामने आई है. साल 2021 में सड़क हादसों में जहां 448 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. वहीं साल 2022 में कुल 450 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई.
हेलमेट नहीं पहनना चाहते युवा, मौत की वजह बन रही: रांची के डीटीओ प्रवीण प्रकाश के अनुसार युवा पीढ़ी किसी भी कीमत पर हेलमेट नहीं पहनना चाहती है. हम स्कूल कॉलेज से लेकर तमाम जगहों पर जागरुकता अभियान भी चला रहे हैं. हेलमेट भी बांट रहे हैं, यहां तक की हेलमेट पहनवाने के लिए जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस के साथ चेकिंग अभियान भी चलाते हैं, बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले लोगों के चालान भी काटते हैं, लेकिन कई युवा हैं जो पुलिस प्रशासन को धोखा देकर निकल जाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में लोगों को यह समझना होगा कि वे पुलिस प्रशासन को धोखा नहीं दे रहे हैं, बल्कि खुद के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
गार्जियन के बिना सहयोग के नहीं रुकेगा हादसा: परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार हादसों को देखकर किसी का भी रूह कांप जाए. हेलमेट नहीं पहनने की वजह से लगातार युवा मौत के गाल में समा रहे हैं, घायल भी हो रहे हैं. ऐसे हादसों को रोकने के लिए हम तमाम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जब तक गार्जियन का सहयोग नहीं मिलेगा हादसों पर ब्रेक लगाना काफी मुश्किल भरा काम है. घर से निकलने के दौरान ही बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि उन्हें ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए सड़क पर चलना है.
एनएच और रिंग रोड में सबसे ज्यादा हादसे:पूर्व के सालों में रांची के शहरी इलाकों में भी सड़क हादसे ज्यादा हुआ करते थे, लेकिन उनमें काफी कमी आई है. सबसे दुखद बात यह है कि अब सड़क हादसे बेहतर सड़कों पर हो रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार सबसे अधिक सड़क हादसे बेहतरीन सड़कों पर हुए हैं. जिनमें रांची के रिंग रोड, रांची टाटा रोड शामिल हैं. हाल के दिनों में इन सड़कों को बेहतर किया गया है. जिसके बाद यहां चलने वाले वाहनों की रफ्तार काफी तेज हो गई है. खासकर युवा हाई स्पीड बाइक चलाते हैं. ऐसी बाइक 200 सीसी इंजन से शुरू होती है. हाई स्पीड इंजन वाली बाइक को चलाना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल इसे आपात स्थिति में संभालना होता है. बाइक में लगे ट्विन डिस्क ब्रेक के कारण अक्सर युवा दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. आज के युवा भी किसी भी कीमत पर हेलमेट नहीं पहना चाहते हैं. जितने भी सड़क हादसों में युवाओं की जान गई है, उनमें से अधिकांश ने हेलमेट नहीं पहना था.
2022 में 450 लोगों की मौत: साल 2022 के आंकड़ों की बात करें तो जनवरी महीने में कुल 61 सड़क हादसों में 51 लोगों की मौत हुई, जबकि 26 लोग घायल हुए. फरवरी महीने में 46 सड़क हादसे हुए जिनमें 32 लोगों की मौत हुई और 17 घायल हुए. मार्च महीने में 54 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 30 लोगों की मौत हुई और 36 घायल हुए. अप्रैल महीने में 51 सड़क हादसे हुए, जिनमें 36 लोगों की मौत हुई और 29 जख्मी हुए. वहीं मई महीने में 57 सड़क हादसे हुए जिनमें 45 लोगों की मौत हो गई, वहीं 38 लोग घायल हुए. जून महीने में 52 सड़क हादसों में 28 लोग अपनी जान गवा बैठे. जुलाई महीने में एक सड़क हादसे में 46 लोगों की जान गई. अगस्त महीने में 58 सड़क हादसों में 34 लोगों की जान गई. सितंबर महीने में 51 सड़क हादसों में 18 लोगों की जान गई. अक्टूबर महीने में 60 सड़क हादसे में 33 लोगों की जान गई, वहीं नवंबर महीने में 70 सड़क हादसों में 46 लोग अपनी जान गवा बैठे. साल 2022 के अंतिम महीने में कुल 650 सड़क हादसे हुए, जिनमें 450 लोगों की मौत हुई, वहीं 452 लोग जख्मी हुए.